भारतीय लोकतंत्र के उत्तरोत्तर विकास की झलक दिखाते ‘संसद संग्रहालय’ (Parliament Museum:) को नयी तकनीक से तैयार कर आधुनिक स्वरूप प्रदान करने की तैयारी है. इसके लिए लोकसभा सचिवालय ने आठ सदस्यीय परियोजना निगरानी समिति का गठन किया.


लोकसभा सचिवालय के 21 सितंबर को जारी आदेश पत्र के अनुसार, ‘‘ सक्षम प्राधिकार ने ‘संसद संग्रहालय के आधुनिकीकरण/सुधार परियोजना की निगरानी’ के लिये एक समिति का गठन किया. यह समिति संसद संग्रहालय के आधुनिकीकरण और सुधार से जुड़े सभी कार्य की निगरानी करेगी.’’


संसद संग्रहालय को बेहतर ढ़ंग से तैयार किया जाएगा


आदेश पत्र के अनुसार, इस समिति की अध्यक्षता लोकसभा सचिवालय में अतिरिक्त सचिव/वित्तीय सलाहकार प्रसेनजीत सिंह कर रहे हैं. आठ सदस्यीय इस समिति में संपदा प्रबंधन शाखा, संसद संग्रहालय और अभिलेखागार, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान, संसद सुरक्षा सेवा, संसद संग्रहालय सेवा के प्रतिनिधि शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ समय से संसद संग्रहालय में कुछ प्रणालियां ठीक ढंग से काम नहीं कर रही थीं जिसकी वजह से इन्हें आधुनिक प्रौद्योगिकी से तैयार करने की जरूरत महसूस की गई. संसद भवन परिसर में स्थापित संसद संग्रहालय भारत की लोकतांत्रिक विरासत का सजीव चित्रण करता है. साथ ही प्रौद्योगिकी के जरिये इसके गौरवशाली इतिहास की गाथा भी बताता है.


संग्रहालय की पुस्तिका के अनुसार, संसद संग्रहालय की स्थापना संसदीय ग्रंथालय भवन के हॉल नं. जी-118 में की गई. तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 14 अगस्त 2006 को इसका उद्घाटन किया था. इसे 5 सितंबर 2006 को आम लोगों के लिये खोल दिया गया था. संसद संग्रहालय की संकल्पना और डिजाइन जाने माने संग्रहालय विज्ञानी डा. सरोज घोष ने की थी. इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम की झलक दिखाई देती है. साथ ही यहां संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा पर भी प्रस्तुती दी गई है.


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