Delhi Covid Update: राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में भर्ती होने वाले संक्रमितों की संख्या में मामूली इज़ाफा हुआ है. डॉक्टरों का कहना है कि जो मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं, उनमें से ज्यादातर मरीज पहले से किसी और बीमारी से पीड़ित हैं. दिल्ली सरकार के कोरोना ऐप के मुताबिक, कोविड के मरीजों के लिए आरक्षित 9491 बिस्तरों में से सिर्फ 263 (2.77 प्रतिशत) पर ही संक्रमित भर्ती हैं जबकि वेंटिलेटर वाले 1,178 आईसीयू बिस्तरों में से 24 पर मरीज भर्ती हैं.
संक्रमण हर तरफ, घबराने की जरूरत नहीं- डॉ वहीं 15 जून को 182 (1.9 प्रतिशत) मरीज अस्पतालों में भर्ती थे जबकि आठ जून को यह संख्या 85 (0.88 फीसदी) थी. एक पखवाड़े में, अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज़ों की संख्या दो गुना से अधिक बढ़ गई है. होली फैमिली हॉस्पिटल में 'क्रिटिकल केयर मेडिसिन' विभाग के प्रमुख डॉ सुमित रे ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, "संक्रमण हर तरफ है. अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि आईसीयू रोगियों की संख्या स्थिर बनी हुई है. हमारे यहां दो मरीज वेंटिलेटर पर हैं. अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन सिर्फ एक मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है जबकि दूसरा वेंटिलेटर पर है और उसे पहले से ही दूसरी गंभीर बीमारी है."
संक्रमण दर में इजाफाडॉ रे से सहमति व्यक्त करते हुए गुरुतेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के मेडिकल निदेशक डॉ सुभाष गिरी ने कहा कि बुखार क्लिनिक में कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है और राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण दर में भी इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा, दो हफ्ते पहले, कोविड वार्ड में कुल दो मरीज थे और वे भी संयोग से थे, क्योंकि उन्हें कोई और बीमारी थी और जांच में उनके कोविड से संक्रमित होने का पता चला. फिलहाल, हमारे अस्पताल में करीब 14 मरीज हैं.
जिनका टीकाकरण नहीं हुआ, उन्हें गंभीर बीमारीडॉ गिरी ने आगे कहा कि दो मरीज़ों को छोड़कर अन्य रोगी किसी और बीमारी की वजह से भर्ती हुए थे और उनमें कोरोना वायरस के संक्रमण का बाद में पता चला. उन्होंने कहा, कुछ को गंभीर संक्रमण है और चंद मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है. उन्हें पहले से कोई अन्य गंभीर बीमारी है. वरिष्ठ डॉक्टर ने यह भी कहा कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है या आंशिक रूप से टीकाकरण हुआ है, उन्हें गंभीर बीमारी हो रही है और ज्यादातर मरीज ग्रामीण इलाकों से आते हैं जहां इसके बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं है.
लोगों से सावधानी बरतने और टीका लगवाने का आग्रहउन्होंने लोगों से सावधानी बरतने और टीका लगवाने का आग्रह किया. डॉ रे ने कहा कि उनके यहां संक्रमित बच्चे भी भर्ती हैं. कुछ लोगों को पेट संबंधी परेशानी है. कुछ युवा मरीज हैं, जिन्हें कोविड के कारण खांसी से ज्यादा बुखार, अतिसार और उल्टियां हो रही हैं. कुछ बच्चे भी भर्ती हैं. वे इसलिए भर्ती नहीं हैं कि उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है बल्कि निर्जलीकरण की वजह से भर्ती हैं. बुजुर्गों को भी यही परेशानी है. दिल्ली में मंगलवार को कोविड के 1383 मामले आए थे और एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई थी. संक्रमण दर 7.22 फीसदी हो गई थी.
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