Delhi Schools Bomb Threat News News: दिल्ली-एनसीआर के 100 से ज्यादा स्कूलों में बुधवार सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब उन्हें बम की धमकी भरा (Bomb Threat) मेल आया. मेल आते ही स्कूल प्रशासन ने इसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को दी. इसके बाद एसओपी के तहत स्कूल परिसर में पुलिस, बम स्क्वाड और दमकल विभाग की टीम पहुंची. स्कूल को खाली कराया गया और फिर स्कूल परिसर की तलाशी ली गई. कॉल 100 से ज्यादा स्कूलों को आया, लेकिन दिल्ली और नोएडा के सभी स्कूलों में बच्चों की आज (1 मई) को छुट्टी करा दी गई. नोएडा पुलिस का कहना है कि कल (2 मई) को स्कूल खुलेंगे लेकिन दिल्ली को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. 


नोएडा के पुलिस कमिश्नर ने जानकारी दी है कि गौतमबुद्धनगर में 2 मई को स्कूल खुलेंगे. बताया जा रहा है कि दिल्ली और नोएडा के सभी स्कूलों की तलाशी ली गई है. तलाशी में कुछ भी नहीं पाया गया. पुलिस स्कूल से चली गई है. पुलिस का कहना है कि यह फेक कॉल (हॉक्स कॉल) थी.


उधर, जैसे ही बम की धमकी भरा मेल आया. प्रशासन ने तुरंत मुस्तैदी दिखाते हुए स्कूलों को खाली कराया. कई स्कूलों से बच्चों को घर भेज दिया गया तो कई स्कूलों में टीचर्स भी चले गए. वहीं, बम की खबर सोशल मीडिया और न्यूज में देखने के बाद पैरेंट्स भी स्कूल पहुंचने लगे और अपने बच्चों को घर ले गए. 


पैरेंट्स खुद बच्चों को लेने आने लगे थे स्कूल
इस बीच हमने दिल्ली के कुछ स्कूलों के टीचर्स और पैरेंट्स से बात की और उन्होंने अपना अनुभव शेयर किया. एबीपी न्यूज से बातचीत में दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्वामी रामतीर्थ पब्लिक स्कूल की टीचर सनातनी शुक्ला ने बताया कि ''राजधानी के विभिन्न स्कूलों को बम की धमकी दी गई है, ऐसी जानकारी आने के बाद ही हमारे स्कूल ने बच्चों को घर भेजने का फैसला किया.''


उन्होंने कहा कि कई पैरेंट्स खुद ही बच्चों को लेने आ गए थे. कुछ बच्चे घर नहीं जा पाए थे इसलिए सभी टीचर्स ने स्कूल में रहने का फैसला किया. कल स्कूल बंद रहेगा या खुला रहेगा इसको लेकर अभी प्रशासन का कोई निर्देश नहीं मिला है. उधर, मयूर विहार के सेंट मैरी स्कूल की एक टीचर ने बताया कि पैरेंट्स स्कूल आ गए थे. वे काफी घबराए हुए थे. पुलिस भी आई थी. स्टूडेंट्स को घर भेज दिया गया.  


स्कूल ने बच्चों को सेफली पहुंचाया घर- पैरेंट्स
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के डीपीएस में पढ़ने वाले एक छात्र की मां वंदना भारती ने बताया कि ''मेरा बेटा सुबह 7.10 में स्कूल पहुंचा. उसका आज यूनिट टेस्ट था. पेपर बंट गए थे. लेकिन अचानक से टीचर ने उन्हें अपरिहार्य परिस्थिति की जानकारी दी. सभी बच्चों को ग्राउंड में असेंबल कराया. फिर एक-एक कर बच्चों को बस में बिठाया गया. पैरेंट्स को व्हाट्सऐप ग्रुप से जानकारी दे दी गई थी बच्चों को घर भेजा जा रहा है. इस अफरा-तफरी के माहौल में बच्चे जिस तरह से सेफली घर पहुंचे, उसमें स्कूल की भूमिका सराहनीय है. कल स्कूल खुलेगा या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.''


ये भी पढ़ें- कन्हैया कुमार ने की CM अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात, जानें- क्या है मायने? ब