Delhi News: लोगों की सहूलियत और रोजमर्रा की जिंदगी में विभिन्न चीजों के बदले इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का ईजाद सुविधा के लिए किया गया था, लेकिन आज प्लास्टिक का इस्तेमाल इतना ज्यादा हो चुका है कि आज हमारे चारों तरफ इस्तेमाल होने वाली चीजों में प्लास्टिक बहुतायत मात्रा में हो गई. सब्जी-सामानों को कैरी करने वाले पॉलीथिन से लेकर खाने वाले चम्मच तक में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है. किचन में कंटेनर से लेकर स्ट्रेनर तक प्लास्टिक के होते हैं. रोज इस्तेमाल होने वाले टूथब्रश से लेकर चेयर-टेबल, लंच बॉक्स-वाटर बॉटल हर चीज प्लास्टिक की बनी हुई है. हालात यह है कि आसपास मौजूद चीजों में किसी न किसी रूप में प्लास्टिक मौजूद है. आज प्लास्टिक को हमने आदत बना लिया है जो अब हमारे लिए ही घातक साबित हो रहा है, क्योंकि यह आसानी से नष्ट नहीं होता है. नतीजन यह प्रदूषण का एक बड़ा कारक बन गया है.


प्लास्टिक कचड़े से निजात दिलाने और पर्यावरण को बचाने की पहल


हालांकि, सरकार ने पॉलीथिन-प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर इससे होने वाले नुकसानों को कम करने की कोशिश की है, लेकिन सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक यह सख्ती कारगर नहीं हुई. इससे निजात दिलाने और पर्यावरण को बचाने की पहल में देश की राजधानी दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके में आज एचएसबीसी इंडिया ने 'द सोशल लैब' और 'यूनाइटेड वे' मुंबई के सहयोग से बाजारों में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के निष्पादन के लिए एक मुहिम की शुरुआत की है. जिसे स्वच्छ संकल्प मिशन नाम दिया गया है. इस  मिशन के लिए आयोजित कार्यक्रम दीप प्रज्वलन के साथ शुरुआत की गई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शिरकत किया. इस मौके पर अतुल बगई (कंट्री हेड यूएनईपी) चंद्र कौशल, आलोक मजूमदार, आदिल घड़ियाल, साहिल अरोड़ा, आदेश गुप्ता मौजूद रहे.


प्लास्टिक कचड़े को रीसाइक्लिंग कर निष्पादन के तरीके


केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए एबीपी लाइव को बताया कि, अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से उठाए गए इस कदम के तहत आम लोगों और दुकानदारों को जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं के बारे में जागरूकता करना है. इस परियोजना में रीसाइक्लिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया है. दो प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित इस परियोजना के तहत मोबाइल संग्रह वैन के साथ घरों और दुकानों से कचरा संग्रह करने के बाद इसे रीसाइक्लिंग किया जाएगा. वहीं, नुक्कड़ नाटक, स्वच्छता मेला ,स्वच्छ मोहल्ला प्रतियोगिता, स्थानीय समुदायों से हरित योद्धाओं को जुटाना आदि जैसी विभिन्न व्यवहार परिवर्तन गतिविधियों के माध्यम से समुदाय के बीच जागरूकता पैदा करना इस परियोजना का दूसरा पहलू है. इस परियोजना के तहत लोगों को रीसाइक्लिंग के माध्यम से प्लास्टिक कचरे का निष्पादन करना सिखाया जाएगा. जिससे इस कूड़े से रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल आने वाली कुछ चीजें बनाई जा सके और इसके साथ ही साथ पर्यावरण को बचाया जा सके.


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