Delhi: दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नगर निकायों-एमसीडी और एनडीएमसी को मानसून आने से पहले जर्जर इमारतों की पहचान करने और उनकी मरम्मत करने या उन्हें गिरा देने का निर्देश दिया है, ताकि उनके ढह जाने जैसी आकस्मिक स्थिति रोकी जा सके. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर डीएमसी अधिनियम, 1957 की धारा 348 और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) पर एनडीएमसी अधिनियम, 1994 के तहत ऐसे भवनों की पहचान करने और उपयुक्त उपचारात्मक कदम उठाने की जिम्मेदारी है.


15 दिन के अंदर रिपोर्ट जमा करने का दिया निर्देश
अधिकारियों ने कहा , ''उपराज्यपाल ने एमसीडी के विशेष अधिकारी और आयुक्त और एनडीएमसी के अध्यक्ष को यह काम करने तथा एक पखवाड़े के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का लिखित निर्देश जारी किया है. '' उपराज्यपाल ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसे खतरनाक भवनों के कारण जानमाल के नुकसान जैसी कोई गंभीर घटना न घट जाए. अधिकारियों ने बताया कि सक्सेना ने नगर निकाय एजेंसियों को इस बात का फैसला करने को कहा कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए किन भवनों को गिराना है और किनकी मरम्मत करनी है.


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'जिलाधिकारी के साथ मिलकर बनाए प्रभावी आपदा प्रबंधन'
उपराज्यपाल ने नगर निकायों को ऐसी घनी आबादी वाले क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की त्रासदी को रोकने के लिए जिलाधिकारियों के साथ मिलकर प्रभावी आपदा प्रबंधन की कार्ययोजना तैयार करने को कहा है, जहां दमकल गाड़ियां और अन्य उपकरणों का पहुंचना मुश्किल है.


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