Delhi News: आईजीआई एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने फर्जी वीजा पर लोगों को विदेश भेजने का झांसा देकर उनसे ठगी करने वाले एक फरार एजेंट को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को IGI एयरपोर्ट थाने 30 जुलाई 2014 में दर्ज जालसाजी के मामले मद इसकी तलाश थी. लेकिन यह पिछले 9 सालों से पुलिस को चकमा देकर बच रहा था. 


इस कारण इसे साल 2015 में भगौड़ा भी घोषित किया जा चुका है. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान, लैज़र उर्फ बंटी (45) के तौर पर हुई है. यह पंजाब के जालंधर जिले का रहने वाला है.


डंकी रूट से दुबई भेजने का झांसा देकर यात्री से ठगी
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि, 2 फरवरी 2014 के बीच की रात पंजाब के कपूरथला का रहने वाला हरदीप पूरी नाम का एक शख्स बैंकॉक जाने के लिए IGI एयरपोर्ट पहुंचा था. उनकी यात्रा दस्तावेजों की जांच में उसके पासपोर्ट पर लगा हैती वीजा फर्जी प्रतीत हुआ, इस पर शक के बिना पर उसके पासपोर्ट को जब्त कर हैती कॉन्सुलेट से वेरिफिकेशन के लिए FRRO, दिल्ली को भेजा गया. 


जहां से प्राप्त हुए रिपोर्ट में वीजा के फर्जी होने की पुष्टि हुई. इस पर इंडियन इम्मीग्रेशन के साथ धोखाधड़ी करने और फर्जी दस्तवेज़ों पर यात्रा करने के आरोप में उसे IGI एयरपोर्ट थाने की पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.


बढ़िया कमाई के लिए जाना चाहता था विदेश
इस मामले में एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने जब आरोपी यात्री से पूछताछ की तो उसने बताया कि, वह अपनी बेहतर जिंदगी और अच्छी कमाई के लिए विदेश जाना चाहता था. इसी सिलसिले में वह उसी के इलाके में रहने वाले एक एजेंट बंटी की संपर्क में आया था. जिसने उसे बैंकॉक और अन्य देशों के रास्ते डंकी रूट से दुबई भेजने का दावा किया था, जिसके लिए 18 लाख रुपये में डील तय हुई थी और उसने उसे 2 लाख रुपये कैश में बतौर एडवांस भुगतान किया था, जबकि बाकी रकम दुबई पहुंचने पर देने की बात तय हुई थी. 


जांच के दौरान आरोपी यात्री के खुलासे पर उक्त एजेंट की गिरफ़्तारी के लिए उसके सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई, लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चल पाया और वह लगातार पुलिस की गिरफ्त से बच रहा था. जानबूझ कर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार रहने पर 31 अगस्त 2015 को उसे भगौड़ा घोषित कर दिया गया.


पंजाब के फोरिवाल गांव से भगौड़े एजेंट को दबोचा
डीसीपी ने बताया कि लगातार फरार चल रहे भगौड़ों की पकड़ के लिए एसीपी चंद्रशेखर की देखरेख और इंस्पेक्टर मोहित यादव के नेतृत्व में एसआई सुधीर जून, एएसआई दीनदयाल और हेड कॉन्स्टेबल बंटी की टीम का गठन किया गया था. पुलिस टीम सूत्रों को सक्रिय कर उनके बारे में जानकारियों को विकसित करने में लगी हुई थी. इसी क्रम में पुलिस को इसके बारे में इनपुट प्राप्त हुई, जिस पर पुलिस ने छापेमारी कर पंजाब के फोरिवाल गांव से उसे दबोच लिया.


आसानी से पैसे कमाने की चाह में करने लगा ठगी
पूछताछ में उसने बताया कि, वह आठवीं पास है और वह एक एजेंट के संपर्क में था जो, भोले भाले लोगों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी करता था. इस पर वह भी उन लोगों के साथ मिल कर भोले भाले यात्रियों से ठगी करने लगा. उसने खुलासा किया कि उसने गिरफ़्तारी यात्री हरदीप पूरी से 2 लाख रुपये कैश लिए थे, जबकि 16 लाख रुपये यूएई पहुंचने के बाद देने की बात तय हुई थी. उसने कहा कि वह और उसके सहयोगी आसानी से ज्यादा पैसे कमाने की चाह में लोगों से ठगी करने लगे. इस मामले में पुलिस आरोपी एजेंट को गिरफ्तार कर उससे आगे की पूछताछ कर पूरे सिंडिकेट के खुलासे में लग गयी है.


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