दिल्ली में शादी का प्रस्ताव ठुकराए जाने से एकतरफा प्यार में पड़े शख्स ने गुस्से में महिला को सबक सिखाने की नीयत से उसके तीन साल के मासूम बेटे का अपहरण कर लिया. लेकिन शाहदरा जिले की कृष्णा नगर पुलिस ने आरोपी को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार कर लिया. साथ ही बच्चे को भी सुरक्षित बरामद कर लिया.
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान, सुधीर कुमार ठाकुर के रूप में हुई है, जो कि बिहार के आरा जिले का रहने वाला है. वहीं मामले की जानकारी देते हुए डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि, 14 सितंबर की शाम, शांति मोहल्ला, गांधी नगर निवासी सपना का तीन साल का बेटा लापता हो गया था. जिसकी शिकायत उन्होंने अगले दिन कृष्णा नगर थाने में दी थी. पुलिस को दी गयी शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके ही मकान में रहने वाला जानकर सुधीर, उनके बच्चे को इलाज के बहाने बहला-फुसलाकर ले गया.
शादी का प्रस्ताव ठुकराने से था नाराज
सपना ने खुलासा किया कि करीब दो महीने पहले सुधीर से जान-पहचान हुई थी और एक महीने पहले उसने शादी का प्रस्ताव भी रखा था. जिसे सपना ने नकार दिया था, उसी से नाराज होकर उसने बच्चे को अगवा कर लिया. महिला की शिकायत पर कृष्णा नगर थाने में मामला दर्ज किया गया.
ऐसे मिला आरोपी का सुराग
मामले की गंभीरता को देखते एसीपी गांधी नगर की देखरेख और एसएचओ मुकेश राणा के नेतृत्व में पीएसआई निशी मलिक, हेड कांस्टेबल गजेन्द्र, नवरतन और कांस्टेबल श्रीनाथ की टीम का गठन किया गया. जांच में जुटी टीम ने 30 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और आरोपी के लोकेशन की तकनीकी निगरानी की.
मोबाइल की कॉल डिटेल से पता चला कि आरोपी बिहार के आरा की तरफ भागा है. जिस पर टीम तुरंत बिहार के लिए रवाना हुई. लेकिन सुधीर लगातार ठिकाना बदल रहा था, जिससे गिरफ्तारी मुश्किल हो गई.
वीडियो कॉल से चला आरोपी की लोकेशन का पता
इसी बीच एक बड़ी कामयाबी मिली जब आरोपी को सपना ने वीडियो कॉल किया. वीडियो कॉल के बैकग्राउंड में सूरत रेलवे स्टेशन नजर आया. जिस पर दिल्ली पुलिस ने तुरंत जीआरपी सूरत से संपर्क किया और संयुक्त ऑपरेशन की योजना बनाई. निशी मलिक और हेड कांस्टेबल नवरतन तुरंत सूरत पहुंचे और जीआरपी की मदद से रेलवे स्टेशन पर ट्रैप लगा कर सुधीर को दबोच लिया.
अदालत में पेश किया गया आरोपी
उसके कब्जे से बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया. आरोपी को 19 सितंबर को सूरत कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया और 20 सितंबर को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. अब तक की जांच में उंसके किसी आपराधिक पृष्ठभूमि का पता नहीं चला है. इस मामले में आगे की जांच जारी है.