Delhi News: दिल्ली के जामिया नगर के बटला हॉउस इलाके में सोमवार (26 मई) एडीएम साउथ ईस्ट की ओर से जारी अतिक्रमण हटाने का नोटिस कई घरों पर लगाया गया है. नोटिस में कहा गया कि ये जमीन डीडीए की है, जिसके एक हिस्से पर अतिक्रमण किया गया है.

नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का जिक्र है और 15 दिनों में मकान खाली करने की बात लिखी है. साथ ही नोटिस में कहा गया है कि 11 जून को बिना किसी नोटिस के विध्वंस कार्यक्रम चलाया जाएगा.

'हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे'नोटिस चस्पा किए जाने के बाद इलाके के लोगों में अपने आशियाने के छिन जाने का डर है. और अपने घरों को खो देने की दहशत है. जिन मकानों पर नोटिस चस्पा किए गए हैं, उनके मालिकों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पिछले लगभग 50 सालों से हम इस जगह पर मकान बनकर रह रहें हैं लेकिन इससे पहले आजतक ऐसी परेशानी नहीं आई. जब हम मकान बना रहे थे तब आखिर ये सरकारी विभाग कहां थे. हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. और इस नोटिस के खिलाफ हम अदालत जाएंगे. लेकिन इसके साथ ही हम घर के कुछ सामान वगैरा भी कि अगर डिमोलिशन होता है तो सामान नुकसान न पहुंचे लेकिन हम कोशिश करेंगे कि हमें इससे मिल जाए. 

'घर उजाड़ देंगे तो कहां रहेंगे'लोगों ने कहा, "यह इलाका आज का नहीं बसा हुआ है, 50 साल से लोग यहां बसे हुए हैं. लेकिन डीडीए अचानक से इसे अपनी जमीन बता कर क्लेम कर रहा है. हम सभी लोग यहां पर बिजली के बिल पानी के बिल हाउस टैक्स भरते हैं और हम इसे अदालत में दिखाएंगे. हालांकि सरकार को सोचना चाहिए कि आखिर जो लोग यहां बसे हुए हैं उनके घरों को उजाड़ दिया जाएगा तो वह कहां रहेंगे कैसे रहेंगे. क्या नोटिस से जिंदगी खत्म हो जाएगी? 40 साल से सरकार कहां थी."

'अवैध रूप से नहीं रह रहे हम'इलाके की महिलाओं का भी कहना है कि डर तो है ही क्योंकि यह यही नहीं रुकेगा अगर यह टूटेगा तो कल को दूसरे घर भी टूटेंगे. यहां के मुसलमान इलीगल तौर से में तो नहीं रह रहा है. हम कोर्ट जाएंगे लेकिन डर तो हमें है ही अगर हमें हमारे आशियाने से हटाया जाएगा तो परेशानी तो होगी ही.

'कोर्ट से इंसाफ की उम्मीद'हालांकि इलाके के कुछ ऐसे घरों के बाहर भी नोटिस को चिपकाया गया है, जिन घरों के मालिकों का कहना है कि नोटिस में जिस खसरा नंबर 279 का जिक्र किया गया है उसमें हमारा मकान आता ही नहीं है. इनका कहना है कि हमारा मकान खसरा नंबर 284 में आता है, लेकिन इसके बावजूद हमारे घरों के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया गया है. और हम इसके खिलाफ अदालत जाएंगे, और वहां हमें उम्मीद है कि इंसाफ होगा. 

नोटिस में 11 जून वो तारीख बताई गई है जब इन घरों पर विध्वंसक कार्रवाई होगी. लेकिन अगर ऐसा होता है तो DDA को अतिक्रमण हटाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा जिनमें से एक है इलाके की मौजूदा स्थिति. क्योंकि यहां छोटी छोटी और संकरी गलियां हैं और इमारतें बिल्कुल एक दूसरे से सटी हुई हैं. इसके अलावा लगभग हर इमारत में 4 से 5 मंजिल तक मकान बने हुए हैं. आबादी भी काफी घनी है. 

कई इलाकों को 5 जून तक नोटिसआपको बता दें कि इससे पहले बीते 22 मई को अवैध निर्माण के खिलाफ बटला हाउस इलाके में ही ख़िजरा बाबा कॉलोनी के 100 से ज्यादा घरों, दुकानों के बाहर यूपी सिंचाई विभाग का नोटिस चिपकाया गया था. इसके अलावा नोटिस के साथ साथ घरों और दुकान के बाहर लाल रंग से क्रॉस का निशान बनाकर उन्हें डीमार्क भी किया गया. यहां दुकानों और मकान पर नोटिस चिपकाकर 5 जून 2025 तक खाली करने का निर्देश दिया गया है. नोटिस में लिखा गया था कि यह जमीन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की है, जिस पर अवैध अतिक्रमण किया गया है.