दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में इन दिनों बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लुएंजा) को लेकर निगरानी तेज कर दी गई है. अच्छी खबर ये है कि पिछले 24 घंटों में यहां वॉटर बर्ड एवियरी और प्रवासी पक्षियों के तालाब में किसी भी नए पक्षी की मौत दर्ज नहीं हुई है. चिड़ियाघर प्रशासन ने कहा है कि वह स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए है और सभी जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं.

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सफाई और सुरक्षा इंतजाम कड़े

चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक, पक्षियों, जानवरों और कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए गहन सफाई अभियान चलाया जा रहा है. जैव-सुरक्षा उपायों पर खास ध्यान दिया जा रहा है.

एवियरी संभालने वाले कर्मचारियों और मृत पक्षियों के निपटान में लगे वर्करों की जांच नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम ने की है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति संक्रमण की चपेट में न आए.

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स्टाफ को दी जा रही ट्रेनिंग

चिड़ियाघर के बीट इंचार्ज और सेक्शन सुपरवाइजर्स को विशेष ओरिएंटेशन सत्र दिए जा रहे हैं. इसमें उन्हें व्यक्तिगत स्वच्छता और एवियन इन्फ्लुएंजा से बचाव के तरीकों के बारे में बताया जा रहा है. इसका मकसद है कि संक्रमण फैलने का खतरा कम से कम रहे और समय पर हालात पर काबू पाया जा सके.

दर्शकों के लिए गेट बंद

एनजेडपी के निदेशक ने जानकारी दी कि जू पूरी तरह से सतर्क है और मानक दिशा-निर्देशों के मुताबिक कदम उठाए जा रहे हैं. चिड़ियाघर को शनिवार से ही आम दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया है. यह फैसला शुक्रवार को पेंटेड स्टॉर्क और आईबिस की मौत की खबर आने के बाद लिया गया था. फिलहाल, यह तय नहीं है कि चिड़ियाघर दोबारा कब खोला जाएगा.

नेशनल जूलॉजिकल पार्क ने अपने बयान में कहा है कि "हम पूरी तरह से सतर्क हैं और सभी कदम मानक गाइडलाइन के अनुसार उठाए जा रहे हैं. हमारा लक्ष्य है कि इस बीमारी को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जाए और सभी पक्षी व कर्मचारी सुरक्षित रहें."

क्या है एवियन इन्फ्लुएंजा?

बर्ड फ्लू, जिसे वैज्ञानिक भाषा में एवियन इन्फ्लुएंजा कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो पक्षियों से फैलता है. कई बार यह इंसानों और दूसरे जानवरों तक भी पहुंच सकता है. यही वजह है कि प्रशासन इस मामले में कोई भी लापरवाही नहीं बरतना चाहता.