दिल्ली और मुंबई के बीच सड़क मार्ग से सफर करने वालों के लिए बड़ी राहत की खबर है. देश की राजधानी और आर्थिक राजधानी को जोड़ने वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे अगले साल यात्रियों के लिए खुलने जा रहा है. इस परियोजना के पूरा होने के बाद दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय लगभग आधा रह जाएगा.

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दक्षिण दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने जानकारी दी कि दिल्ली के डीएनडी से मुंबई को जोड़ने वाला यह छह लेन एक्सप्रेसवे मार्च 2026 से पहले तैयार हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा, जिसके बाद लोग दक्षिण दिल्ली से मुंबई तक इस हाईवे से सफर तय कर सकेंगे.

सिर्फ 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई

देश की सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में शामिल यह एक्सप्रेसवे यात्रा का अनुभव पूरी तरह बदल देगा. इसके शुरू होने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी को तय करने में महज 12 घंटे का समय लगेगा. आधुनिक तकनीक, ग्रीन डिजाइन और हाई स्पीड की सुविधा इस हाईवे को भारत की नई पहचान बना सकती है.

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देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे

कुल 1,380 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा राजमार्ग होगा. यह छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. इसके निर्माण से न केवल यातायात में तेजी आएगी, बल्कि इन राज्यों की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बल मिलेगा.

आर्थिक शहरों को जोड़ेगा हाईवे नेटवर्क

यह एक्सप्रेसवे देश के कई औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्रों को सीधे जोड़ेगा. राजस्थान में जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, मध्य प्रदेश में भोपाल, उज्जैन, इंदौर, और गुजरात में अहमदाबाद, बडोदरा, सूरत जैसे प्रमुख शहर इस मार्ग से सीधे लाभान्वित होंगे. इससे लॉजिस्टिक लागत घटेगी, माल ढुलाई तेज होगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी.

जानवरों के लिए भी सुरक्षित रहेगा सफर

परियोजना की सबसे खास बात इसका वाइल्डलाइफ-फ्रेंडली डिजाइन है. इसमें तीन एनिमल ओवरपास और पांच अंडरपास बनाए जाएंगे, जिनकी कुल लंबाई सात किलोमीटर होगी. इससे जानवरों की आवाजाही बिना बाधा के हो सकेगी. रिपोर्टों के अनुसार, यह एशिया का पहला और दुनिया का दूसरा ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जो वन्यजीव संरक्षण को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.