Delhi News: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लोग पतंगबाजी का शौक रखते हैं और हर साल 15 अगस्त के आसपास हफ्तों तक दिल्ली में पतंगबाजी की जाती है. इस दौरान खुले आसमान में उड़ने वाले पक्षी भी इन पतंग के मंझो का शिकार होते हैं. वैसे चाइनीज मंझे ज्यादा खतरनाक होते हैं जिसके चपेट में आने पर पक्षियों के जीवित रहने की उम्मीद बहुत कम होती है. ऐसे में इस बार दिल्ली में शासन प्रशासन की तरफ से चाइनीज मंझो को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया था. लेकिन इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हुई पतंगबाजी के बाद आम धागों से भी भारी संख्या में पक्षी घायल हुए हैं.


अब तक 40-50 पक्षी लाए गए हॉस्पिटल
दिल्ली के चांदनी चौक स्थित जैन पक्षी अस्पताल में पक्षियों का इलाज करने वाले डॉक्टर हरअवतार से एबीपी न्यूज ने इस बार पक्षियों के घायल होने के आंकड़ों के बारे में पूछा तो जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि, पिछले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पतंगबाजी से 100 से अधिक पक्षी घायल होते थे. लेकिन इस बार मंझो से घायल होने वाले पक्षियों की संख्या 40 से 50 के आसपास है. जागरूकता और चाइनीज मंझो के प्रतिबंध का असर दिखा है, लेकिन यह आंकड़े भी बहुत कष्टदायक हैं. घायल होने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा कबूतर, कौआ, चील शामिल हैं. 


अभी और घायल पक्षी आ सकते हैं
आज सुबह से ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों से घायल पक्षियों के आने की संख्या 10-15 है. इसके अलावा कल से अब तक 10 से अधिक पक्षियों की पतंगबाजी से मौत भी हुई है. दिल्ली में पतंगबाजी 15 अगस्त के आसपास होती है और पूरे सप्ताह तक मंझे से घायल होने वाले पक्षी अस्पताल में पहुंचते हैं. जिसमें पक्षियों के पंख और हड्डियां बुरी तरह जख्मी होते हैं. ऐसे में घायल पक्षियों को मरहम पट्टी व दवाईयां देकर इलाज करते हैं. जब तक पक्षी उड़ नहीं पाते तब तक हम उन्हें अपने पास रखते हैं. इसके अलावा आने वाले 2 से 3 दिनों तक मंझे से घायल होने वाले पक्षियों के अस्पताल आने की संख्या अधिक हो सकती है. 


घायल पक्षी दिखे तो करें ये काम 
पक्षियों के इलाज संबंधित सुझाव को बताते हुए डॉक्टर हरअवतार ने कहा कि, पतंगबाजी या अन्य किसी वस्तु से घायल पक्षियों के देखने पर सबसे पहले उनके चोटिल जगह को कपड़े से बांध देना चाहिए, जिससे खून न निकले. खून का अधिक रिसाव होने से पक्षियों के बचने की उम्मीद बहुत कम हो जाती है. जितना जल्द हो सके पक्षियों को अगर निकटतम चिकित्सा केंद्र पर पहुंचाया जा सकता है तो वह बेहतर होगा, क्योंकि वहां पर ट्रेंड डॉक्टरों द्वारा उनके घायल पंख का इलाज हो सकेगा. इसके अलावा खास तौर पर पतंगबाजी के दौरान चाइनीज व खतरनाक मंझो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.


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