Delhi Missing Boy Found: जिस मां की आंखें दो साल से हर रोज दरवाजे की ओर उम्मीद से उठती थीं, आज उसकी गोद फिर से भर गई. दिल्ली के पहाड़गंज शेल्टर होम से अचानक लापता हुआ 16 साल का नाबलिग बेटा आखिरकार गुजरात के अहमदाबाद में एक होटल से मिला  वो भी तब, जब कोई उम्मीद बाकी नहीं थी. इस चमत्कारिक पुनर्मिलन के पीछे है दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की सूझबूझ, तकनीकी विशेषज्ञता और मानवीय संवेदनशीलता.

यह कहानी शुरू होती है 27 जनवरी 2023 की उस सुबह से, जब पहाड़गंज स्थित 'अपना घर' शेल्टर होम के कर्मचारी COVID टीकाकरण के लिए बच्चों को अस्पताल ले जा रहे थे. उसी भीड़ में शामिल था एक मासूम चेहरा, जो मौका मिलते ही गायब हो गया. ये वही लड़का था जिसे कुछ दिन पहले सलाम बालक ट्रस्ट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बचाया था. उसके घरवाले खासकर उसकी मां तब से हर दिन उसकी राह तक रहे थे.

घर से भागकर भटकता रहा नाबालिग

घर से भागकर दिल्ली आया ये बालक कुछ दिन सड़कों पर भटका. फिर जयपुर पहुंचा, जहां शादियों में काम करके पेट पाला और आखिरकार अहमदाबाद पहुंचा. वहां एक रेस्टोरेंट में क्लीनर की नौकरी पकड़ ली. किसी को नहीं पता था कि यह लड़का दरअसल गुमशुदा है और कोई इसे ढूंढ रहा है.

20 हजार का इनाम, लेकिन मां की ममता थी बड़ी प्रेरणा

मामला बेहद संवेदनशील था. वरिष्ठ अधिकारियों ने लड़के की तलाश में सहयोग देने वालों को 20,000 के इनाम की घोषणा की थी. लेकिन AHTU की टीम के लिए ये सिर्फ एक केस नहीं था, ये एक मां के आंसुओं को पोछने का मिशन था.

टीम ने नाबालिग को कैसे ढूंढ़ निकाला?

इंस्पेक्टर मनोज दहिया, महिला एसआई पिंकी रानी, हेड कांस्टेबल देवेंद्र और जय किशन की टीम ने तकनीकी सर्विलांस, परिवार और रिश्तेदारों से लगातार पूछताछ और मैन्युअल खुफिया सूचनाओं के दम पर अहमदाबाद में होटल की पहचान की. जब टीम वहां पहुंची तो उनका सामना एक दुबले-पतले लड़के से हुआ जो झाड़ू पकड़े हुए था. ये वही बच्चा था, जिसे दो साल पहले मां ने दरवाजे से आख़िरी बार निकलते देखा था.

मां ने पुलिसवालों का किया शुक्रिया

पुलिस ने उसे सुरक्षित दिल्ली वापस भेज दिया है. उसकी मां को जैसे नया जीवन मिल गया. मां ने पुलिसवालों को धन्यवाद कहते हुए कहा, ''मुझे यक़ीन नहीं हो रहा. मेरा बेटा जिंदा और ठीक है. यही मेरे लिए सब कुछ है.”