Delhi News: दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को लगाताद दूसरे दिन दिल्ली सरकार के चार अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया. मंत्री ने 14 दिसंबर को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, दादा देव अस्पताल, इंदिरा गांधी अस्पताल और सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए.


सफाई-व्यवस्था पर जाहिर की नाराजगी


दिल्ली सरकार के अस्पतालों के औचक निरीक्षण के दौरान सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर अस्पताल में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं पाए जाने पर मंत्री ने काफी नाराजगी जाहिर की और जब उन्होंने मरीजों से पूछताछ की तो पता चला कि जितने लोगों की हाजिरी रजिस्टर में लगी हुई है, उतने सफाई कर्मचारी ड्यूटी पर उपस्थित भी नहीं हैं. जिस पर उन्होंने सभी सफाई कर्मचारियों को एक जगह इकट्ठा कर अस्पताल प्रशासन को फटकार लगाई और तुरंत ही जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए. इसके अलावा, अस्पताल की सफाई का जिम्मा संभाल रही कंपनी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश उन्होंने जारी किए.


2 दिन में जांच रिपोर्ट देने का आदेश 


सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों की संबंधित कंपनी द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर न्यूनतम वेतन नहीं देने की शिकायत पर उन्होंने आला अधिकारियों को इसकी जांच कर दो दिनों के भीतर इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से जल्द से जल्द उन सभी ठेका कर्मचारियों को नौकरी पर लगाने से लेकर आज तक जितना भी कम वेतन दिया गया है, संबंधित कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दिलाने के निर्देश भी जारी किए. ऐसा न करने पर उन्होंने कंपनी के खिलाफ लेबर कोर्ट में शिकायत करने के भी निर्देश दिए.


जीजीएस अस्पताल की व्यवस्था से दिखे संतुष्ट


इससे पहले बुधवार को भी मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया. जिसमें उन्होंने गुरु गोविंद सिंह अस्पताल और आचार्य भिक्षु अस्पताल में उन्होंने अस्पताल की स्वच्छता, ओपीडी, फार्मेसी से लेकर दवाइयां के स्टोर रूम तक सब जगह निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने दवाइयां की उपलब्धता पूछताछ की और इस बात की जानकारी हासिल की कि दवाइयां भ्रष्टाचार द्वारा गायब तो नहीं की जा रही? जिसमें गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में उन्हें सभी सवालों के संतोषजनक उत्तर मिले. साफ-सफाई की व्यवस्था भी अच्छी थी. वहीं, दवाइयां की अकाउंटबिलिटी पर पता चला की जब भी स्टोर रूम से दवाइयां निकालते हैं, उसके बाद ताले पर सील लगा दी जाती हैं, ताकि दवाइयां की अकाउंटबिलिटी में गड़बड़ी ना हो.


यहां पर दिए अकाउंटेबलिटी सुधारने के निर्देश


आचार्य भिक्षु अस्पताल में दवाइयां की अकाउंटबिलिटी और उपलब्धता की भी जांच में यह अस्पताल बहुत पिछड़ा नजर आया. दवाइयां तो उपलब्ध थीं, किंतु अकाउंटबिलिटी बहुत ज्यादा खराब थी. जिस पर उन्होंने इस अस्पताल की अकाउंटबिलिटी को गुरु गोविंद सिंह अस्पताल की तर्ज पर लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल को साफ सुथरा रखने के सख्त निर्देश दिये गए हैं. मुख्यमंत्री जी का सख्त निर्देश है दिल्ली सरकार के किसी भी अस्पताल में मरीजो को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.


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