Delhi MCD Election Results 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) में कई ऐसी सीट रही, जहां पर कांटे की टक्कर देखने को मिली. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने भले ही 134 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया हो, लेकिन लगभग 36 सीटों पर बेहद कम वोटों से आम आदमी पार्टी को हार मिली है. पहली बार दिल्ली एमसीडी पहुंचने वाली आम आदमी पार्टी का हौसला बुलंद है और अब मेयर को लेकर जोर आजमाइश तेज हो चुकी है. इसमें दो राय नहीं की भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी एमसीडी मुकाबले में आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दी है.


आम आदमी पार्टी, बीजेपी और अन्य दलों के प्रचार के दौरान ही स्पष्ट हो गया था कि इस बार का मुकाबला काफी रोचक होगा. एमसीडी में 17 ऐसे वार्ड रहे, जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महज 500 से भी कम वोटों से चुनाव हारे हैं. अलीपुर में तो आप उम्मीदवार महज 91 वोट से हार गए. इसके अलावा आम आदमी पार्टी को 12 वार्ड पर बेहद कम वोट से जीत हासिल हुई है. चितरंजन पार्क से आम आदमी पार्टी को महज 44 वोट और नंद नगरी से पार्टी उम्मीदवार को केवल 54 वोट से जीत हासिल हुई है.


मेयर को लेकर संविधान विशेषज्ञ ने क्या कहा?
दिल्ली सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि अब में एमसीडी मेयर के पद पर कौन होगा. आप को बहुमत मिलने के बाद भी चर्चाओं में बीजेपी के मेयर होने की भी बात कही जा रही है. इस मुद्दे को लेकर एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान संविधान विशेषज्ञ एस .के शर्मा ने कहा, "इस संभावना से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि दल-बदल कानून विधायकों और सांसदों के लिए लागू होता है. निचली सदन के सदस्य के लिए दल-बदल कानून लागू नहीं होता. इस स्थिति में कुल 250 पार्षदों में से कितने उपस्थित रहते हैं, कितने सदस्य पक्ष में वोट करते हैं और कितनी विपक्ष में वोट करते हैं यह सब निर्धारित करेगा कि मेयर आम आदमी पार्टी से होगा या बीजेपी से."


मेयर पद के लिए बुने जा रहे ताने-बाने 
दल-बदल निरोधक कानून उन विधायकों और सांसदों पर लागू होता है, जो अपनी मर्जी से पार्टी छोड़ते हैं. पार्टी सिद्धांतों के खिलाफ जाते हैं, जिसके बाद इस कानून के अनुसार उनकी विधानमंडल और संसद की सदस्यता रद्द की जा सकती है. दिल्ली नगर निगम चुनाव में 134 सीट जीत हासिल करके आम आदमी पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन अभी भी दिल्ली एमसीडी मेयर पद के लिए अलग-अलग सियासी ताने-बाने बुने जा रहे हैं.


डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर लगाया है ये आरोप
मतगणना के बाद भी बीजेपी कि कुछ नेताओं ने अपने पार्टी से मेयर होने की तरफ इशारा किया तो वहीं जीत हासिल करने के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर अपने पार्षदों को खरीदने के आरोप लगाने में देरी नहीं की. परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या कम हुई है और इस बार मुकाबला भी काफी करीबी रहा है. अब देखना होगा कि एमसीडी की कमान संभालने के लिए मेयर के पद पर कौन होता है?


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