दिल्ली के MCD उपचुनावों में आम आदमी पार्टी की तीन वार्डों में जीत के बाद प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने इसे बीजेपी के लिए मुख्यमंत्री के अस्तित्व का चुनाव बताया और दावा किया कि नतीजों ने सत्ता पक्ष की कमजोर होती पकड़ को स्पष्ट कर दिया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह उपचुनाव सिर्फ तीन वार्डों की लड़ाई नहीं बल्कि बीजेपी की मुख्यमंत्री के राजनीतिक अस्तित्व की अग्निपरीक्षा थी. उनके मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अपनी साख बचाने के लिए हर वार्ड में बार-बार दौरे किए और माहौल अपने पक्ष में करने की हर कोशिश की.
फ्री सिलेंडर बांटने का आरोप
भारद्वाज ने आरोप लगाया कि चुनाव से ठीक पहले अशोक विहार में मुफ्त गैस सिलेंडर बांटे गए. उन्होंने कहा कि सत्ता की ताकत का खुलकर इस्तेमाल किया गया, लेकिन इसके बावजूद जनता ने बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
10 महीने की सरकार और गिरती पकड़
सौरभ भारद्वाज का कहना था कि दस महीने पुरानी सरकार का यह लिटमस टेस्ट था जिसमें बीजेपी अपनी ही पुनर्गठित (परिसीमन के बाद बने) वार्डों में हार गई. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सीटें 9 से घटकर 6 पर आ गई हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी भले ही जीत का आंकड़ा 7 बता रही हो, लेकिन आम आदमी पार्टी के पास चुनाव आयोग की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट मौजूद है, जो कुछ और ही कहानी कहता है.
अशोक विहार में ‘गड़बड़ी’ का आरोप
अशोक विहार वार्ड के परिणाम पर उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी के प्रत्याशी को गड़बड़ी करके जिताया गया. इसके बावजूद, उनका कहना था कि बीजेपी की कुल टैली फिर भी कम हो गई है.
मुंडका में AAP की जीत और ‘केजरीवाल मॉडल’
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में भेजा जहां उन्होंने पार्टी का संदेश लोगों तक पहुंचाया. मुंडका में पार्टी की जीत को उन्होंने जनता के भरोसे की मिसाल बताया.
टिकट वितरण पर AAP का स्टैंड
भारद्वाज ने खुलासा किया कि कई बार उम्मीदवारों के परिवारजन टिकट के लिए दबाव बनाते हैं. यह दबाव इस बार भी देखने को मिला, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने अंतिम फैसला जमीनी कार्यकर्ताओं के पक्ष में रखा. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक परिवार में दो टिकट न देने की बात करती है, लेकिन उसी परिवार में टिकट बांट देती है, और वहां हार जाती है. इसके उलट, AAP ने गरीब और मेहनती कार्यकर्ता को मौका दिया और जनता ने इसे स्वीकार किया.
‘लिटमस टेस्ट’ में बीजेपी फेल, दिल्ली में नए मुख्यमंत्री की भविष्यवाणी
उन्होंने कहा कि यह चुनाव स्पष्ट संकेत है कि बीजेपी का जनाधार खिसक रहा है और सरकार जनता का भरोसा जीतने में पूरी तरह नाकाम रही है. बड़ा दावा करते हुए भारद्वाज ने कहा, “मुझे लगता है दिल्ली को बहुत जल्द नया मुख्यमंत्री मिल सकता है.” उनके अनुसार मौजूदा मुख्यमंत्री के पद पर तलवार लटकी हुई है, इसलिए वह हर जगह खुद वोट मांगने पहुंच रही थीं.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी नेताओं ने अफसरों और जनता को तक धमकाया कि दूसरी पार्टी को चुनने पर काम नहीं होंगे, क्योंकि बीजेपी काम नहीं करने देगी.