Delhi News: राजधानी दिल्ली के ITO स्थित शहीदी पार्क में बने देश के पहले मैदानी संग्रहालय का मंगलवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उद्घाटन किया. इस दौरान मेयर शैली ओबरॉय, डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल, नेता सदन मुकेश गोयल समेत कई अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे.


'वेस्ट-टू-वंडर' थीम पर बना पार्क


दिल्ली नगर निगम द्वारा विकसित किए गए इस पार्क को 'वेस्ट-टू-वंडर थीम' के तहत बनाया गया है, जिसमें देश की धरोहरों, संस्कृतियों और मूल्यों को प्रदर्शित करने वाली प्रतिकृतियां की स्थापना की गई है. इस पार्क को देश के उन वीरों और प्रसिद्ध हस्तियों को समर्पित किया गया है, जिहोंने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए विभिन्न कालखंडों में अपनी जान तक कुर्बान कर दी. पार्क में उन महान शख्सियतों की मूर्तियों को भी स्थापित किया गया है.


'250 टन कबाड़ का हुआ इस्तेमाल'


इस मौके पर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा, 'यहां पर आकर मैं खुद को गौरवांवित महसूस कर रहा हूं. 'आजादी का अमृत महोत्सव पार्क' दिल्ली में एक नए स्थायी संपत्ति के रूप में आज हमारे सामने है.' इस दौरान उन्होंने पार्क के निर्माण और विकास के लिए दिए गए 15 करोड़ रुपये के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने बताया कि शहीदी पार्क की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पार्क 250 टन कबाड़ से तैयार किया गया एक थीम बेस्ड पार्क है. दिल्ली में इस तरह का थीम आधारित यह तीसरा पार्क है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के तीनों पार्क अलग-अलग थीम पर आधारित हैं. जैसे वेस्ट टू वंडर पार्क में दुनिया के सात अजूबे दिखाई देंगे, वहीं भारत दर्शन पार्क में देश के चुनिंदा स्मारकों और इनके बारे में रोचक जानकारियां मिलेंगी. जबकि एमसीडी ने इस शहीदी पार्क में देश के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया है, जिसे बनाने में लोहे का खराब सामान, बिजली के पुराने खंभे, पुरानी कारें, ऑटो मोबाइल पार्ट्स आदि के कबाड़ का इस्तेमाल किया गया है.



'दिल्ली को मिली एक और नई पहचान'


वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "यह अद्भुत पार्क है. मैं इस शानदार पहल के लिए दिल्ली नगर निगम के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा की माननीय उप राज्यपाल ने इस शानदार पार्क की आधारशिला रखी थी और करीब एक साल के भीतर ही इस पार्क को तैयार कर लिया गया. इस पार्क में देश की संस्कृति, इतिहास को जिस प्रकार से दिखाया गया है, वह बेहद शानदार और प्रेरक है. आगे उन्होंने कहा की जिस प्रकार चंडीगढ़ जाने वाले लोग रॉक गार्डन को अवश्य ही देखते हैं, उसी प्रकार शहीदी पार्क भी दिल्ली को नई पहचान देगा और लोग लाल किला, जामा मस्जिद के साथ-साथ शहीदी पार्क देखने भी आया करेंगे." इस पार्क की विशेषताओं को देखते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूलों के बच्चों को राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देने के लिए इस पार्क में लाया जाएगा और उन्हें निशुल्क ही इसका भ्रमण करवाया जाएगा.


'यहां देख सकेंगे 65000 सालों तक का इतिहास'


इस मौके पर बात करते हुए मेयर डॉ शैली ओबरॉय ने कहा कि, यह पार्क भारत के इतिहास को बताने के साथ साथ उसे दर्शाता भी है. यहां 10वीं सदी से 65000 सालों तक के इतिहास को देखा जा सकता है, जहां पर सम्राट अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य, महाराणा प्रताप, पेशवा से लेकर स्वाधीनता संग्राम तक का इतिहास कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया गया है. उन्होंने बताया कि यह पार्क विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को देश का इतिहास एक अनूठे रूप में समझने में सहायता करेगा.



700 कारीगरों ने 6 महीने में किया तैयार 


बता दें कि पार्क में लगी मूर्तियों का निर्माण महज 6 महीनों में किया गया है, जिसे 10 उत्कृष्ट कलाकारों के साथ 700 कारीगरों ने मिलकर बनाया है. मूर्तियों को बनाने में लगभग 250 टन स्क्रैप का उपयोग किया गया है. पार्क में 93 टूडी मूर्तियों और 20 थ्रीडी मूर्तियों सहित 09 सेट और 3 गैलरी विकसित की गई हैं. वहीं पार्क की सुंदरता बढ़ाने के लिए चंपा, कचनार, फाइकस एसपीपी, सिंगोनियम आदि जैसे लगभग 56 हजार पेड़ और झाड़ियाँ लगाई गई हैं.


मनोरंजन के साथ फूड कियोस्क की सुविधा


पार्क में स्थापित मूर्तियों और झांकियों के माध्यम से देश की आजादी के लिए हुए 1857 के पहले विद्रोह, जन आंदोलन, स्वतंत्रता संग्राम, संस्कृति और समाजिक जागरुकता, स्वदेशी आंदोलन और सत्याग्रह, भारत की आजादी और विभिन्न रियासतों के एकीकरण की दस्तानों को बयां किया गया है. इस पार्क में इन सभी घटनाक्रमों को बड़ी ही खूबसूरती से दिखाया गया है. जो पार्क में आने वाले लोगों को देश के गौरवशाली इतिहास से जानकर बनाएगी. वहीं इस पार्क में लोगों के मनोरंजन के साथ इसमें फूड कियोस्क की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है.