दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मंगलवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को पत्र लिखकर जामा मस्जिद के आंधी में क्षतिग्रस्त हुए गुंबद को हटाने और मरम्मत करने की मांगी की है. सोमवार को तेज आंधी की वजह से मस्जिद के उत्तरी छोर की मीनार का काफी नुकसान हुआ है. इस तेज आंधी और तूफान की वजब से 17वीं शताब्दी की मस्जिद को नुकसान हुआ. शाही इमाम ने कहा कि करीब 12-15 फुट का गुंबद भी उसी समय का है, जब मस्जिद का निर्माण हुआ था. इस गुंबद के क्षतिग्रस्त होने को लेकर बुखारी ने मंगलवार को एएसआई को एक पत्र लिखकर इसके एक हिस्से के नुकसान के बारे में बताया है और इसकी मरम्मत के लिए मदद करने का आग्रह किया.
 
बुखारी ने एएसआई के महानिदेशक वी विद्यावती को लिखे लेटर में कहा कि जामा मस्जिद के मुख्य गुंबद का भारी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और सोमवार को नई दिल्ली में आई भीषण ओलावृष्टि के दौरान अचानक दो भागों में गिर गया. एक तिहाई बड़ा हिस्सा अभी भी गुंबद से अनिश्चित रूप से लटका हुआ है और कभी भी गिर सकता है. अगर यह गिरता है तो यह इसके विपरीत दीवार और दो निकटवर्ती बुर्जों को भी नुकसान पहुंच सकता है.


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अभी प्रांगण में नमाज की नहीं है इजाजत


वहीं इमाम ने कहा कि मस्जिद परिसर में विजिटर्स के प्रवेश को सुरक्षा उपाय के रूप में रोक दिया गया है. इस लटके हुए हिस्से को तुरंत हटाने और मरम्मत के बाद इसे फिर से स्थापित करना अनिवार्य रूप से जरूरी है. इसके साथ ही इमाम ने कहा कि अभी प्रांगण में नमाज की इजाजत नहीं दी जा रही है और गुंबद के पास के इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. मस्जिद के अंदर ही करीब सौ लोगों को ही नमाज अदा करने की इजाजत होगी.


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