घने कोहरे के कारण शुक्रवार (19 दिसंबर) को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ. नई दिल्ली में 19 दिसंबर को हुई इस स्थिति में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों समेत कुल 177 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि 500 से अधिक उड़ानों में देरी दर्ज की गई. देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे पर यह असर यात्रियों और एयरलाइंस दोनों के लिए महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि कोहरे के कारण दृश्यता (Visibility) बेहद कम हो गई थी और सुरक्षा कारणों से परिचालन बाधित हुआ.
हवाई अड्डा अधिकारियों के अनुसार, रद्द की गई 177 उड़ानों में प्रस्थान और आगमन दोनों शामिल हैं. उड़ानों की निगरानी करने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24डॉट कॉम के मुताबिक, दिल्ली हवाई अड्डे पर लगभग 500 उड़ानों के परिचालन में देरी हुई. इन देरी के चलते यात्रियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा और कई कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी प्रभावित हुईं. आम तौर पर दिल्ली हवाई अड्डे से प्रतिदिन लगभग 1,300 उड़ानों का संचालन होता है, ऐसे में कोहरे का यह असर बड़े पैमाने पर देखा गया.
सरकारी एजेंसियों और डीआईएएल का बयान
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 19 दिसंबर दोपहर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि मंत्रालय भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है. मंत्रालय के अनुसार, वास्तविक समय के मौसम पूर्वानुमान के आधार पर ही परिचालन से जुड़े फैसले लिए जा रहे हैं.
वहीं, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने शाम 7.10 बजे एक पोस्ट में कहा कि उस समय दिल्ली हवाई अड्डे पर परिचालन सामान्य रूप से चल रहा है. डीआईएएल आईजीआईए का संचालन करती है और सुरक्षा मानकों के तहत दृश्यता में सुधार के बाद उड़ानों को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया गया.
कहां-कहां की उड़ाने हुई रद्द?
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने बताया कि उसने दिल्ली से पुणे, रांची, इंदौर, पटना, गोवा, वाराणसी और जोधपुर सहित कई गंतव्यों के लिए उड़ानें रद्द की हैं. एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि ये रद्दीकरण कोहरे की वजह से किए गए. इंडिगो ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दिल्ली एनसीआर, अमृतसर, जबलपुर और जालंधर में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा बना हुआ है.
इंडिगो के अनुसार, दृश्यता के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण उड़ान कार्यक्रम में बदलाव हुए हैं और परिस्थितियों में बदलाव के चलते परिचालन सामान्य से धीमा रह सकता है. एयरलाइंस और ग्राउंड टीमें सुरक्षा और दृश्यता से जुड़े सभी मानकों के अनुपालन को प्राथमिकता दे रही हैं.