Delhi News: दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों को विदेश भेजने को लेकर  बड़ा खुलासा किया. पुलिस ने वेस्ट बंगाल बेस्ड चार एजेंटों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान, मेघराज श्रेष्ठा, प्रकाश कुजूर, मिहिरमोय रॉय और बरुन सिंह राठौर के रूप में हुई है. यह वेस्ट बंगाल के दार्जलिंग और जलपाईगुड़ी जिले के रहने वाले हैं. गिरफ्तार एजेंटों ने गुजरात के सूरत की रहने वाली एक महिला यात्री के लिए फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड और वोटर कार्ड आदि बनाया था, जिसके आधार पर बने पासपोर्ट पर उसे इजराईल भेजने और वहां नौकरी दिलाने का वादा किया गया था. 


हालांकि, तेल अवीव, इजराईल एयरपोर्ट पर महिला के दस्तावेजों को फर्जी पाते हुए अस्वीकार कर वहां से उसे वापस डिपोर्ट कर इंडिया भेज दिया गया था. उनकी गिरफ्तारी के बाद इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.



डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि बीते 3 अप्रैल को तेल अवीव, इजराईल से वेस्ट बंगाल के जलपाईगुड़ी की रहने वाली अजू छेत्री नाम की एक महिला यात्री को अस्वीकार कर वापस इंडिया डिपोर्ट कर भेजा गया था. दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंची महिला यात्री से शुरुआती पूछताछ और उसके दस्तावेजों की जांच में पता चला कि महिला ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने अपना पासपोर्ट हांसिल किया था. 


सख्ती से पुछताछ करने पर महिला ने अपनी वास्तविक पहचान गुजरात के आनंद की रहने वाली हेतलबेन जितेंद्र कुमार वलंड के तौर पर बताई. उसके पास से एक ही यूआईडी नंबर वाले दो आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं. जिसकी एक कॉपी उनके पास थी, जबकि दूसरी उनके मोबाइल फोन में थी. एक गुजरात में जारी किया गया था, जबकि दूसरा वेस्ट बंगाल में और दोनों पर ही अलग-अलग नाम, जन्म तिथि और पता दर्ज था. 


महिला यात्री के फर्जीवाड़े को देखते हुए उन्हें IGI एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया गया. इस मामले में पुलिस ने फर्जी तरीके से पासपोर्ट हांसिल कर इंडियन इम्मीग्रेशन को धोखा देने और फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा करने के अपराध में संबंधित धाराओं में मुकद्दमा दर्ज कर महिला यात्री को गिरफ्तार कर लिया.
 
बेहतर जिंदगी की जीने की ख्वाहिश 


एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने जब आरोपी महिला यात्री से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह 10वीं तक पढ़ी है. गुजरात की रहने वाली है. उसके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. उसकी भाभी जो पिछले कई सालों से इजराइल में काम कर रही थी और अच्छे पैसे कमा रही थी. उन्होंने उसे कई बार उसे वहां आने के लिए कहा था. इसलिए, उसने बेहतर आजीविका और आसानी से पैसा कमाने के लिए इजराइल जाने की योजना बनाई. 


भाभी के निर्देशानुसार ट्रेनिंग के लिए पहाड़गंज स्थिति ओम साईं केयर टेकर ट्रेनिंग सेंटर गई, जहां उसकी मुलाकात ऋचा नंदा नामक एक महिला से हुई. जिसने उसकी यात्रा के लिए उसके पासपोर्ट और सभी दस्तावेजों की व्यवस्था की और साल 2012 में वह इजराइल चली गई. वहां उसने करीब 10 साल तक काम किया. पिछले साल उन्हें ओवर स्टेयिंग (निर्धारित समय से अधिक रहने) के कारण उसे वापस भारत भेज दिया गया और उसे इजराइल अधिकारियों द्वारा ब्लैकलिस्टेड भी कर दिया गया था. वापस भेजे जाने के बाद, वह 2-3 महीने गुजरात में रही और फिर से उसने इजराइल जाने की योजना बनाई.



दो एजेंट पहले ही हो चुके हैं गिरफ्तार


इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने सह-एजेंट ऋचा नंदा और एजेंट रमेश शर्मा को गिरफ्तार किया था. जिनसे लगातार पूछताछ के बाद एजेंट रमेश शर्मा ने खुलासा किया कि उसने अपने सहयोगी एजेंट मेघराज की मदद से महिला के लिए जाली आधार कार्ड और वोटर आई-कार्ड, पैन कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र की व्यवस्था की थी, जिसमें बरुण सिंह राठौड़ नाम के एक अन्य सहयोगी एजेंट ने भी उसकी सहायता की थी.


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