Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट नगर निगम को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि रेहड़ी वालों को कटे हुए फलों के अलावा दूषित जल या शिकंजी, लस्सी, नींबू सोडा, गन्ने का रस और जल जीरा जैसे पेय पदार्थ बेचने से रोका जाए. इन वस्तुओं को बेचने में संलिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. अदालत ने इस बात पर गौर किया कि दूषित जल और नुकसानदेह रसायनों व पदार्थों से बने कृत्रिम स्वाद वाले रंगीन पेय के अवैध प्रसार के खिलाफ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पुलिस की सहायता से तत्परता से कार्रवाई करता रहा है. उच्च न्यायालय ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्राधिकार 2018 से इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं और इसके मद्देनजर, यह प्रतिवादियों से और भी स्थिति रिपोर्ट या कार्रवाई रिपोर्ट मांगना जरूरी नहीं समझता है.


इन सामग्रियों को बेचने से रोकने के लिए हो नियमित छापेमारी 


मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं महसूस हो रहा है कि प्रतिवादी/एमसीडी यह सुनिश्चित करना जारी रखे कि रेहड़ी वालों को दूषित जल या शिकंजी, लस्सी, रंगीन पेय, सोडा पानी, नींबू सोडा, कटे हुए फल, गन्ने का रस, जल जीरा, रूह अफजा बेचने से रोका जाए.


अदालत ने कहा कि इस सिलसिले में प्रतिवादियों को नियमित रूप से छापे मारने चाहिए, अवैध सामग्री जब्त करनी चाहिए तथा दूषित जल या शिकंजी, लस्सी, रंगीन पेय, सोडा पानी, नींबू सोडा, कटे हुए फल, गन्ने का रस, जल जीरा, रूह अफजा बेचने में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.उच्च न्यायालय ने रेफ्रिजेरेटेड वाटर लाइसेंसेज एसोसिएशन की ओर से दायर एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए यह कहा. अदालत ने पूर्व में एमसीडी को एक नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा था, जिसने अपने क्षेत्राधिकार में आने वाले 12 जोन (क्षेत्र) के रिकार्ड सौंपे थे.


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