दिल्ली हाईकोर्ट ने छह साल के एक मासूम बच्चे पर पिटबुल कुत्ते के हमले से जुड़े मामले में कोर्ट ने पुलिस को FIR पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इस हमले में बच्चे का बायां कान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. बच्चे के पिता ने कोर्ट से कम से कम 25 लाख रुपये का मुआवजा मांगा है.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान एमसीडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि 24 नवंबर को कुत्ते के मालिक की सहमति से पिटबुल को जब्त कर लिया गया था. उन्होंने कहा कि निगम ने शिकायत मिलते ही कार्रवाई की. कोर्ट को यह भी बताया गया कि यह पालतू कुत्ता बिना रजिस्ट्रेशन के रखा गया था जो कानून का उल्लंघन है. 

कोर्ट ने एमसीडी को दिया आदेश

मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सचिन दत्ता ने अंतरिम राहत देते हुए MCD को आदेश दिया कि कुत्ते को तब तक छोड़ा न जाए, जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो. हालांकि कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि मुआवजे की जिम्मेदारी सरकार से ज्यादा कुत्ते के मालिक की बनती है.

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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार पर जताई नाराजगी

दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील ने भी कोर्ट में कहा कि मुआवजा अपराध करने वाले को ही देना चाहिए. इस पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि MCD के साथ मिलकर ऐसे हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे. कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी यही पिटबुल कई लोगों को काट चुका है, लेकिन पुलिस में की गई शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पीड़ित बच्चे के पिता गरीब, सरकार मुहैया कराए मुआवजा- वकील

दिल्ली हाईकोर्ट में वकील ने कहा बच्चे के पिता, जो रोज़ दिहाड़ी पर काम करते हैं और महीने में करीब 10 से 12 हजार रुपये कमाते हैं ने इलाज और दवाइयों के खर्च के लिए सरकार से मुआवजे की मांग की है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को मार्च 2026 तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है और कुत्ते के मालिक, दिल्ली पुलिस कमिश्नर, संबंधित ACP, SHO और सफदरजंग अस्पताल को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद देखना बेहद अहम होगा कि दिल्ली सरकार मुआवजे को लेकर क्या कदम उठाती है.