Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक आपराधिक मामले में दिल्ली पुलिस के उदासीन रवैये पर बुधवार को नाराजगी जाहिर करते हुए जमकर फटकार लगाई. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस पिछले 9 सालों से एक आपराधिक मामले में दर्ज एफआईआर में जिस तरह की कार्रवाई करनी चाहिए थी, उस तरह की कार्रवाई नजर नहीं आई.

दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित सहायक पुलिस आयुक्त को इस मामले से जुड़े हुए जांच अधिकारी के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं. 

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस प्रीतम सिंह अरोड़ा ने एक FIR को उसके गुण दोष के आधार पर रद्द करने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच में पुलिस स्टेशन अमर कॉलोनी के संबंधित आईओ द्वारा उदासीन रवैया अपनाया गया था, क्योंकि यह कई वर्षों से लंबित था. याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली पुलिस ने पिछले नौ वर्षों से जांच पूरी नहीं की है जिसके कारण याचिकाकर्ता की बदनामी हुई है. 

दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में मांगी स्टेट्स रिपोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट में वकील ने कहा कि अब धारा 468 सीआरपीसी के मुताबिक इस मामले में संज्ञान लेने की समय सीमा भी खत्म हो चुकी है, इसलिए उन्होंने इस मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की कोर्ट से मांग की है. हालांकि मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से संबंधित एसीपी को इस मामले से जुड़े हुए आईओ के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश दिए जो जांच का प्रभारी है और साथ ही जांच की चरणबद्ध समय सीमा भी मांगी और संबंधित एसीपी को एक हफ्ते के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. दिल्ली हाई कोर्ट में  मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को तय की गई है. 

(रिपोर्ट- सुशील कुमार पांडेय)

इसे भी पढ़ें: दिल्ली CM की रेस में सबसे आगे निकले विजेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता आखिरी पलों में पिछड़ीं?