Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court ) ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (MCD) को संसाधन बढ़ाकर और सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों का बकाया वेतन व पेंशन भुगतान करके सबकुछ ठीकठाक करने का आखिरी मौका दिया और ऐसा न होने पर एमसीडी को बंद करने की चेतावनी दी. हाईकोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करने से संबंधित मामला लंबे समय तक खिंच रहा है. अदालत ने कहा कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार कर्मचारियों का भुगतान करना एमसीडी का वैधानिक दायित्व है.


दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा, 'अदालत ने एमसीडी के वकील को स्पष्ट कर दिया है कि वह वह एमसीडी द्वारा अपने संसाधनों को बढ़ाने के तरीके और साधन खोजने का इंतजार नहीं करेगी. 7वें वेतन आयोग के वेतन का भुगतान करना एक वैधानिक दायित्व है. यदि एमसीडी मूल वेतन देने की स्थिति में नहीं है तो उसे परिणाम भुगतने होंगे.


हाईकोर्ट का यह रुख उस समय सामने आया जब वो एमसीडी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को क्रमशः वेतन और पेंशन का भुगतान न करने से संबंधित याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान एमसीडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि नगर निकाय ने कुछ कर्मचारियों और सेवानिवृत्तकर्मियों को जनवरी तक का वेतन और पेंशन का भुगतान कर दिया है और अन्य का बकाया 10 दिनों में चुका दिया जाएगा.


'10 दिनों में सबकुछ ठीक करने का मौका दे रहे हैं'


इस पर एमसीडी की आलोचना करते हुए पीठ ने कहा, ' यह मामला चार साल से खिंच रहा है और हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब आप अपने संसाधनों को बढ़ाएंगे. हम नहीं जानते कि यह दिन कब आएगा. हम आपको एक सप्ताह या 10 दिनों में सबकुछ ठीक करने का आखिरी मौका दे रहे हैं अन्यथा हमें यह कहना होगा कि इस मामले को देखते हुए नगर निगम को बंद करने की जरूरत है.”


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