Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में एनडीपीएस (NDPS) एक्ट की धारा 25 की व्याख्या करते हुए उस व्यक्ति को जमानत दे दी, जिसकी कार का इस्तेमाल गांजा तस्करी के लिए किया गया था. अदालत ने साफ किया कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि वाहन मालिक को उसके वाहन के गैरकानूनी इस्तेमाल की जानकारी थी, तब तक उसे अपराध का दोषी नहीं ठहराया जा सकता. 

फरवरी 2024 में दिल्ली पुलिस ने मारुति स्विफ्ट डिजायर कार से गांजा की खेप जब्त की थी. पूछताछ में कार चालक धीरज ने बताया कि गांजा यूपी के मुन्ना से लेकर दिल्ली में सप्लाई करने वाला था. जांच में पता चला कि कार का रजिस्ट्रेशन राहुल नाम के व्यक्ति पर है. पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर एनडीपीएस एक्ट की धारा 25 का आरोपी बनाया. 

कार मालिक की सफाई और कोर्ट की सुनवाई

राहुल ने हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाई. याचिका में उन्होंने दावा किया कि कार अनौपचारिक लेन-देन में बेच दी थी. बिक्री के बाद वाहन से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने कार का इस्तेमाल गांजा तस्करी में किए जाने से अनभिज्ञता जताई. 

क्या कहती है एनडीपीएस एक्ट की धारा 25?

अगर कोई वाहन या संपत्ति ड्रग्स तस्करी में इस्तेमाल होती है तो मालिक भी दोषी होता है. शर्त है कि मालिक को वाहन के गैरकानूनी काम में इस्तेमाल की जानकारी होनी चाहिए. 

दिल्ली हाईकोर्ट ने गांजा तस्करी मामले में महत्वपूर्ण कानूनी पहलुओं पर विचार किया. अदालत ने पाया कि राहुल को कार का इस्तेमाल गांजा तस्करी में होने की जानकारी नहीं थी. उसने पहले ही गाड़ी बेच दी थी, भले ही सौदा अनौपचारिक था. बिना जानकारी के महज गाड़ी का मालिक होने से आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. जस्टिस संजीव नरुला ने कहा कि एनडीपीएस मामले में राहुल के खिलाफ मुकदमा नहीं बनता है. इसलिए जमानत दी जाती है. 

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