दिल्ली में स्वच्छता व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मेयर सरदार राजा इकबाल सिंह ने मंगलवार (9 दिसंबर) को एमसीडी मुख्यालय से 17 बैकहो लोडर और 2 सुपर सकर मशीनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
अत्याधुनिक तकनीक से लैस ये मशीनें राजधानी के कचरा प्रबंधन, नालों की सफाई और स्वच्छता कार्यों को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. कार्यक्रम के दौरान डिप्टी मेयर जय भगवान यादव, स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा, उपाध्यक्ष सुंदर सिंह, DEMS समिति के अध्यक्ष संदीप कपूर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
इस दौरान क्या बोले मेयर इकबाल सिंह?
इस मौके पर मेयर इकबाल सिंह ने कहा कि भारत सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी मिलकर नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने और राजधानी को विश्व-स्तरीय शहर बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मार्गदर्शन में एमसीडी स्वच्छता ढांचे को लगातार मजबूत कर रहा है.
नई मशीनें बढ़ाएंगी एमसीडी की कार्यक्षमता
मेयर ने बताया कि नए 17 बैकहो लोडर और 2 सुपर सकर मशीनें एमसीडी के स्वच्छता अभियानों में अभूतपूर्व तेजी लाएंगी. इन मशीनों के जुड़ने से एमसीडी के बैकहो लोडर बेड़े की संख्या अब 52 हो गई है. सभी मशीनें स्वच्छता पूंजी मद के तहत खरीदी गई हैं और बेहतर ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के तहत संचालित होंगी. इससे शहरभर में कचरा प्रबंधन कार्य और तेज होंगे.
तकनीक से लैस हैं मशीनें
मेयर इकबाल सिंह ने कहा कि नई मशीनों की तैनाती नालों की सफाई, कचरा उठान और डंपिंग में तेजी लाएगी साथ ही मैनुअल श्रम पर निर्भरता कम होगी. आधुनिक तकनीक के कारण ये मशीनें तंग और कठिन क्षेत्रों में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगी. इससे स्वच्छता प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और नागरिकों को समय पर सेवाएं मिल सकेंगी.
वार्ड स्तर पर स्वच्छता में आएगा सुधार
एमसीडी द्वारा उठाए जा रहे ये कदम ‘स्वच्छ दिल्ली’ अभियान को मजबूती देंगे. मेयर ने कहा कि इन मशीनों के संचालन से वार्ड स्तर पर स्वच्छता कार्यों की गुणवत्ता बेहतर होगी और स्थानीय स्तर पर कचरा प्रबंधन अधिक सक्षम होगा. एमसीडी अपनी स्वच्छता अवसंरचना को लगातार आधुनिक बना रहा है ताकि नागरिकों को अधिक स्वच्छ, सुरक्षित और कुशल सेवाएं प्रदान की जा सकें.
बैकहो लोडर की मुख्य विशेषताएं और लाभ
दिल्ली की स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए एमसीडी ने अपने बैकहो लोडर बेड़े में 17 नई मशीनें शामिल की हैं, जिससे कुल संख्या बढ़कर 52 हो गई है. मिश्रित नगरपालिका कचरे को उठाने, लोडिंग और हैंडलिंग में सक्षम ये मशीनें फ्रंट और रियर बकेट से लैस हैं, जो इन्हें बहुउद्देश्यीय बनाती हैं.
नई तकनीक के चलते मैनुअल श्रम पर निर्भरता कम होगी और सफाई कार्य तेजी से हो सकेंगे. इन मशीनों की गुणवत्ता का परीक्षण IIT दिल्ली द्वारा किया गया है. प्रत्येक यूनिट की लागत 33.28 लाख रुपये है और इनकी खरीद खुली ऑनलाइन प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से की गई है. इनका उपयोगी जीवनकाल 10 वर्ष निर्धारित किया गया है.
मशीनों से नालों की सफाई को मिलेगी रफ्तार
इसी क्रम में, एमसीडी ने दो नए सुपर सकर यूनिट भी अपने बेड़े में जोड़े हैं, जिनमें प्रत्येक में एक मुख्य यूनिट, दो डंप टैंक और एक पानी का टैंकर शामिल है. BS-VI मानकों के अनुरूप ये मशीनें अब एमसीडी के सुपर सकर बेड़े की कुल संख्या को 8 तक ले जाती हैं.
ये मशीनें संवेदनशील ड्रेनेज पॉइंट्स पर पूरे वर्ष नालों की सिल्ट सफाई और अवरोध हटाने में अत्यंत उपयोगी होंगी, जिससे शहर के ड्रेनेज नेटवर्क की विश्वसनीयता और रखरखाव में सुधार होगा.
इनके गुणवत्ता परीक्षण भी IIT दिल्ली द्वारा किए गए हैं. प्रत्येक सेट की लागत 214 लाख रुपये है, जिसे खुली ऑनलाइन प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से खरीदा गया है. इनकी उपयोगी आयु भी 10 वर्ष निर्धारित की गई है.