Delhi: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में खराब गुणवत्ता की दवाइयों की आपूर्ति के मामले में सीबीआई जांच का स्वागत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दवाइयों के ऑडिट का निर्देश दिया, स्वास्थ्य सचिव ने निर्देशों का पालन नहीं किया और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए.


सौरभ भारद्वाज ने कुछ दिनों पहले मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली कि दिल्ली सरकार के अस्पताल में कुछ दवाई नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी की पाई गई है. रिपोर्ट में कहीं नहीं लिखा है कि ये नकली है, लेकिन बीजेपी वाले कहने लगे कि ये नकली है. पैंटोप्राजोल की रिपोर्ट बताती है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसकी रिपोर्ट में सारे स्टैंडर्ड ठीक पाए गए. ये नकली नहीं है, न फेक थी. सिर्फ कुछ मापदंडों पर ठीक नहीं उतरी.


सभी राज्यों में एक ही दवाई जाती है- भारद्वाज


स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि एक कंपनी दिल्ली के लिए अलग और दूसरे राज्यों के लिए अलग दवाई बनाती है. सभी राज्यों में एक ही दवाई जाती है. ये एक प्रक्रिया है जो हर साल होती है. कुछ सैंपल उठाते हैं. उसमें जो भी नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए जाते हैं, उसको रोक दिया जाता है. उसके बदले नया बैच मंगवा लिया जाता है.


फरिश्ते योजना पर क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री?


भारद्वाज ने कहा कि ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे 2019 में दिल्ली का पानी जहरीला था, लेकिन उसके बाद भी वो नेता आज भी दिल्ली में रह रहे हैं. अब वो दवाई के लिए कह रहे हैं कि नकली है. वहीं फरिश्ते योजना पर कोर्ट की ओर से उठाए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर हम सुप्रीम कोर्ट गए, कोर्ट को किसी को भी गुमराह नही करना चाहिए. वित्त विभाग तब से कह रहा है कि हम पेमेंट कर देगे. लेकिन, कुछ फाइल को ही प्रोसेस किया गया है. अगली सुनवाई पर हम इसकी जानकारी कोर्ट को देंगे.


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