Tihar Jail News: देश की सबसे बड़ी और चर्चित जेलों में से एक तिहाड़ जेल में बढ़ती भीड़ को लेकर दायर जनहित याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया. अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर उस प्राधिकरण से संपर्क किया जिसकी कोई भूमिका ही नहीं है.
चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा सिर्फ इसलिए कि यह सेंट्रल जेल कहलाती है, इसका मतलब यह नहीं कि इसे केंद्र सरकार चलाती आप गलत दरवाज़ा खटखटा रहे हैं.
तिहाड़ जेल में भीड़भाड़ और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई
याचिकाकर्ता आनंद मिश्रा ने तिहाड़ में भीड़भाड़ और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने मांग की थी कि बिना जांच किसी भी व्यक्ति को जेल में प्रवेश की अनुमति न दी जाए. लेकिन अदालत ने यह स्पष्ट किया कि आनंद मिश्रा ने गृह मंत्रालय (भारत सरकार) को जो ज्ञापन दिया, वह बिल्कुल भी उचित प्राधिकरण नहीं है, क्योंकि दिल्ली की जेलों का संचालन दिल्ली सरकार के अधीन आता है. अदालत ने यह भी दोहराया कि तिहाड़ सहित देशभर की जेलों में भीड़ की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट पहले से विचार कर रहा है. ऐसे में एक समानांतर याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल करना औचित्यहीन है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा आपको चाहिए कि दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव और जेल महानिदेशक को लिखित शिकायत दें. अगर वे कार्रवाई नहीं करते, तब आप हमारे पास आइए. फिर हम निर्देश देंगे. इस सख्त रुख के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और याचिका को वापस ले लिया.
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