Delhi News: दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर चली आ रही खींचतान पर अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से विराम लग जायेगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से दिल्ली के मुख्यमंत्री को पावरफुल बनाते हुए, उपराज्यपाल की शक्तियों को सीमित कर दिया है. जिसके बाद से आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार भी अब हरकत में नजर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेवाओं के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के कुछ घंटे बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि सदन की समितियों के सामने पेश नहीं होने वाले नौकरशाहों को अब नियमों पर चलना होगा.

एक सर्वसम्मत फैसले में शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि दिल्ली सरकार के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सेवाओं पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं. गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार अब पूरी गति से काम करेगी, क्योंकि अधिकारियों को ठीक से काम करना होगा. अधिकारियों को अब हाउस कमेटियों के सामने पेश होना होगा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब भी देना होगा. उन्हें (नौकरशाहों) ठीक से काम करना होगा क्योंकि तबादला और पोस्टिंग अब दिल्ली सरकार के तहत आ गई है.

रुकी हुई योजनाएं फिर से होंगी शुरू 

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की योग कक्षाएं जैसे कार्यक्रम जिन्हें उप राज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देशों के बाद अधिकारियों ने रोक दिया था, आप सरकार द्वारा फिर से शुरू की जाएंगी. तीन महीने पहले मोहल्ला क्लीनिक में कोई दवाइयां और डाक्टर नहीं थे, क्योंकि उस समय प्रधान वित्त सचिव द्वारा भुगतान रोक दिया गया था. वरिष्ठ नागरिक जिन्हें चार महीने से पेंशन नहीं मिल रही थी, अब उन्हें समय पर पेंशन मिलेगी.

बता दें कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार और दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना के बीच कई मामलों को लेकर विवाद सामने आता रहा है और अब अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला आया है.

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