दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने राजधानी में चल रहे बिना मान्यता वाले निजी स्कूलों पर कड़ा कदम उठाया है. शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी करते हुए साफ कहा है कि अब कोई भी निजी स्कूल बिना मान्यता के संचालित नहीं हो सकेगा. यह आदेश शिक्षा निदेशालय के प्राइवेट स्कूल शाखा (Private School Branch) की ओर से जारी किया गया है.

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कई प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं- सरकार

सरकार ने बताया कि लंबे समय से दिल्ली के कई निजी स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं. वहीं, कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जिन्हें पहले अस्थायी मान्यता दी गई थी, लेकिन समय समाप्त होने के बाद उन्होंने नवीनीकरण (Extension of Recognition) के लिए आवेदन तक नहीं किया. इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने अब सभी स्कूलों को एक बार का अवसर (One Time Opportunity) देते हुए निर्देश जारी किए हैं.

शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि यह कदम जनहित और छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. सभी निजी स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वे निर्धारित समय में मान्यता के लिए आवेदन करें.

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आदेश में क्या कहा गया?

  • जो निजी स्कूल मान्यता प्राप्त नहीं हैं, वे मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं, चाहे वे नियमानुसार क्षेत्र (Conforming Area) में हों या गैर-नियमित क्षेत्र (Non-Conforming Area) में.
  • हर स्कूल को 73 बिंदुओं वाला प्रोफॉर्मा भरना होगा, जिसमें भवन की सुरक्षा, शिक्षकों की योग्यता, आपातकालीन प्रबंधन, स्वच्छता, बच्चों की सुरक्षा और शिक्षण गुणवत्ता जैसे सभी पहलू शामिल हैं.
  • केवल उन्हीं स्कूलों को मान्यता दी जाएगी जो सभी कानूनी और शैक्षणिक मानकों पर खरे उतरेंगे.
  • स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे बच्चों के नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) और दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम व नियम, 1973 (DSEAR) के दायरे में काम करें.

बिना मान्यता वाले स्कूल को बख्शा नहीं जाएगा- सरकार

सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिना मान्यता के चल रहे किसी भी स्कूल को अब बख्शा नहीं जाएगा. ऐसे स्कूलों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि आरटीई कानून की धारा 18 के अनुसार बिना मान्यता स्कूल चलाना कानून का उल्लंघन है.

बता दें कि RTE Act, 2009 के तहत देशभर में यह अनिवार्य किया गया है कि कोई भी निजी स्कूल तभी चल सकता है, जब उसे मान्यता प्रमाणपत्र (Certificate of Recognition) प्राप्त हो.यह प्रमाणपत्र तभी जारी किया जाता है जब स्कूल भवन, सुरक्षा, शिक्षकों की नियुक्ति और पाठ्यक्रम के मानकों पर खरा उतरता हो.

शिक्षा निदेशालय का यह कदम इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में कई छोटे निजी स्कूल बिना पंजीकरण और सुरक्षा मानकों के चल रहे थे. ऐसे स्कूलों में न तो फायर सेफ्टी की सुविधा थी और न ही प्रशिक्षित शिक्षक. अब सरकार ने साफ कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा.

सरकार ने सभी निजी स्कूलों से अपील की है कि वे तय नियमों के अनुसार जल्द से जल्द आवेदन जमा करें, ताकि मान्यता प्रक्रिया पूरी की जा सके और किसी भी बच्चे की पढ़ाई बाधित न हो.