Delhi News: दिल्ली में परिवहन विभाग जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी के प्रवेश द्वारों पर यातायात नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित (Artificial Intelligence-Powered) कैमरे लगाएगा. अधिकारियों ने गुरुवार (20 मार्च) को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसमें प्रदूषण नियंत्रण के मानदंडों की भी जांच की व्यवस्था रहेगी. ये कैमरे अन्य अपराधों का भी पता लगाएंगे. इनमें से एक कैमरा नंबर प्लेट पढ़ेगा और सिस्टम वाहन के मालिक की पहचान करेगा और अन्य ब्यौरा भी सामने लाएगा.


उपकर वसूलने में मानवीय हस्तक्षेप होगा कम 


. एक अधिकारी ने कहा कि ये कैमरे पता लगाएंगे कि वाहन के पास वैध पीयूसीसी है या नहीं.और यदि नहीं, तो वाहन चालक को ई-चालान मिलेगा. डेटा को ई-चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा. दिल्ली सरकार की ओर से एमसीडी द्वारा एकत्र किए गए पर्यावरण क्षतिपूर्ति उपकर के साथ इसे एकीकृत करने की भी योजना है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों से उपकर वसूला जाता है. इस कदम से मानवीय हस्तक्षेप भी कम होगा. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस पर बुधवार को एक बैठक की. उन्होंने कहा हिंदी में एक ट्वीट में कहा दिल्ली में लेन प्रवर्तन सुनिश्चित करने के लिए, सीएम @ArvindKejriwal जी के कुशल नेतृत्व में, दिल्ली सरकार एआई-सक्षम कैमरे आदि जैसे स्मार्ट उपायों का उपयोग करेगी. आज, एजेंसियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई दिल्ली में लेन ड्राइविंग और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करें.


डेढ़ महीने में कैमरों की खरीद के लिए जारी हो सकती है निविदा 


सूत्रों के मुताबिक, मंत्री ने अधिकारियों से एक योजना तैयार करने और एक प्रस्ताव के साथ आने को कहा है. कैमरों का उपयोग बसों के लेन प्रवर्तन की जांच के लिए भी किया जाएगा. वे पता लगाएंगे कि वाहन बस लेन में चल रहे हैं या उनमें पार्क किए जा रहे हैं. सूत्र ने कहा कि वे कैमरे अन्य अपराधों का पता लगाने में भी मदद करेंगे. एक अधिकारी ने कहा कि विभाग डेढ़ महीने में महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एक निविदा जारी कर सकता है. निविदा के लिए विवरण का अंतिम रूप दिया जा रहा है. दिल्ली के 13 मुख्य प्रवेश बिंदुओं और एनडीएमसी के प्रवेश बिंदुओं पर कैमरे लगाए जाने की संभावना है. अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक लेन में दो कैमरे लगाने की योजना है. एक नंबर प्लेट पढ़ने पर केंद्रित होगा, और दूसरा ओवरलोडिंग या सीटबेल्ट न पहनने जैसे ट्रैफिक उल्लंघनों को पकड़ेगा.


फिलहाल कैमरों की खरीद और उन्हें पोर्टल्स के साथ एकीकृत करने पर ध्यान 


उन्होंने कहा कि विभाग जीएसटी डिवीजन से ई-वे बिलों का विवरण खरीदेगा. कैमरे वाहनों और उनके प्रकार का पता लगाएंगे, जिसके बाद सिस्टम को ई-वे बिल का विवरण मिलेगा और फिर ग्रीन सेस की गणना के लिए एक मैट्रिक्स का उपयोग किया जाएगा. इस तरह, एमसीडी की भूमिका कम हो जाएगी और सरकार सीधे उपकर जमा करेगी. ये लंबी अवधि की योजनाएं हैं. फिलहाल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-सक्षम कैमरों की खरीद और उन्हें विभिन्न पोर्टल्स के साथ एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कैमरे खरीदे जाने के बाद एकीकरण के काम में कम से कम दो से तीन महीने लगेंगे. 


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