Delhi News: राजधानी दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने मंगलवार को दिल्ली की तीनों लैंडफिल साईट्स का दौरा किया. यहां उन्होंने चल रहे काम की समीक्षा की. अधिकारियों का दावा है कि उप राज्यपाल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की बदौलत पिछले तीन महीनों में ही 12.50 लाख टन कूड़े (garbage)  का निपटारा किया जा चुका है. इसके चलते पिछले 7 महीने में गाजीपुर, ओखला और भलस्वा स्थित कूड़े के पहाड़ों (Mountains)  की ऊंचाई करीब 15 मीटर तक घट गई है. उप राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तीनों कूड़े के पहाड़ों पर पड़े बाकी के कूड़े का निपटारा भी तय समय सीमा के अंदर किया जाए.


बता दें कि, फरवरी महीने की 16 तारीख को को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए उप राज्यपाल की अध्यक्षता में हाई लेवल कमिटी गठित की थी. इसके बाद से कूड़े के निपटारे के काम में काफी तेजी आई है, जिसकी प्रगति की समीक्षा के लिए उप राज्यपाल ने मंगलवार को तीनों लैंडफिल साइट का दौरा किया. इस दौरान दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती के अलावा एमसीडी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वहां मौजूद रहे. उप राज्यपाल ने इससे पहले 23 मार्च को तीनों लैंडफिल साइट का दौरा किया था. अधिकारियों ने उप राज्यपाल को बताया कि बीते तीन महीनों में 12.50 लाख टन कूड़े का निपटारा किया जा चुका है. जिस पर उप राज्यपाल ने इस पर संतोष जाहिर किया.


नई कंपनी को एंगेज करने के बाद कूड़े के निपटारे में आई तेजी
उप राज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, मई 2022 में जहां हर महीने करीब 1.41 लाख मीट्रिक टन कूड़े को डिस्पोज किया जा रहा था. वहीं अक्टूबर 2022 में यह मात्रा बढ़कर 6 लाख मीट्रिक टन प्रतिमाह हो गई थी. नवंबर 2022 में नई कंपनी को एंगेज करने के बाद यह काम और तेजी से होने लगा. वर्तमान में जिस गति से काम चल रहा है, उसे देखते हुए यह लग रहा है कि जल्द ही प्रतिदिन 30 हजार मीट्रिक टन और प्रतिमाह 9 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निपटारा करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा.


साल भर में 74.4 लाख मीट्रिक टन कूड़े का हुआ निपटारा
बता दें कि, जून 2022 में तीनों लैंडफिल साइट पर कुल 229.1 लाख मीट्रिक टन कूड़ा जमा था, जो अब एक साल के अंदर घटकर 154.9 लाख मीट्रिक टन रह गया है. यानी एक साल में ही 74.4 लाख मीट्रिक टन कूड़े का निपटारा किया जा चुका है, जो कूड़े की कुल मात्रा का 32.38 प्रतिशत है. एमसडी ने मई 2024 तक तीनों लैंडफिल साइट पर पड़े सारे पुराने कचरे के बायोमीट्रिक तरीके से निपटारे का लक्ष्य रखा है. उप राज्यपाल इस काम की खुद निगरानी कर रहे हैं. तीनों लैंडफिल साइट्स पर 80 ट्रॉमेल मशीनों के जरिए कूड़े का निपटारा किया जा रहा है. 30 जून तक इसमें 5 मशीनें और जुड़ जाएंगी.



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