Delhi News: जिंदगी के सफर में दौर कोई सा भी क्यों न हो, करियर में सफल होने के लिए कठिन परिश्रम और जज्बे को बनाए रखने का कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता. हर बार की तरह इस बार भी इस सच्चाई को साबित कर दिखाया है यूपीएससी परीक्षा 2022 (UPSC Exam 2022 Result) के सफल प्रतियो​गी युवाओं ने. सच में, यूपीएससी 2022 में सफलता हासिल करने वाले लड़के-लड़कियों के हौसले और संघर्ष की कहानियां प्रेरक हैं. इन युवाओं की असफलता से न घबराने की कोशिशें सभी को प्रेरणादेती हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि पहली बार सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वालों में एक तिहाई लड़कियां हैं. 


इस बार खास बात यह है कि शीर्ष 20 में से 17 सिर्फ ग्रैजुएट हैं. उन्होंने अपना लक्ष्य साफ रखा. सभी ने स्नातक के बाद ही तैयारी शुरू कर दी. कई ने कोचिंग भी नहीं ली और सेल्फ स्टडी से सफलता हासिल की. अपने मिशन के प्रति पूरी लगन से मेहनत करने वाले युवाओं की चर्चा यूपीएससी रिजल्ट घोषित होने के बाद से सभी की जुबां पर है. 


जय बारंगे


बैतूल के जय बारंगे ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 587वीं रैंक हासिल की है. कोरोना संक्रमण के दौरान पिता के निधन के बाद मिली अनुकंपा की नौकरी ठुकराई और फिर यूपीएससी की पढ़ाई में जुट गए. रोज 10 घंटे तक सेल्फ स्टडी करने के साथ दोस्तों की मदद ली. वे बताते हैं कि पिता का सपना था कि बेटा भी यूपीएससी पास कर अधिकारी बने. मैंने वही किया, जो वो चाहते थे. मेहनत रंग लाई और में अधिकारी बन गया. 


मनोज महरिया


मनोज महरिया की कहानी दुखद और संघर्ष की है. महरिया ने यूपीएससी में 628वीं रैंक हासिल की है. उन्होंने बचपन में ही पिता को एक एक्सीडेंट में खो दिया. मां ने एएनएम की नौकरी के साथ परिवार को संभाला. मनोज इंडियन क्रिकेट टीम में जाना चाहते थे. जिला क्रिकेट टीम के कैप्टन भी रहे. उनका कहना है कि भेदभाव और पक्षपात के चलते रणजी में चुनाव न होने पर टूट गए. इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की. उन्होंने बताया कि हमने परीक्षा की तैयारी एक ही सोच के तहत की थी कि हर हाल में सफल होना है. 


ईश्वर गुर्जर


राजस्थान भीलवाड़ा के ईश्वर गुर्जर यूपीएसी की परीक्षा में 644वीं रैंक आई है. वह पढ़ाई में हमेशा से टॉपर नहीं रहे. साल 2011 में दसवीं में फेल हुए तो पढ़ाई छोड़ने का मन बना चुके थे. पिता कहते - पढ़ाई से इतना जल्दी घबराने की जरूरत नहीं है. उनके कहने पर हिम्मत नहीं हारी और मेहनत करते रहे. दूसरी बार 10वीं की परीक्षा देने पर 54 प्रतिशत नंबर आए. 12वीं में भी 68 प्रतिशत ही आए. 2019 में ग्रेड थ्री शिक्षक बने. अब यूपीएससी में सफलता मिली है. 


राम भजन कुमार


दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करने वाले राम भजन कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में 667वीं रैंक हासिल की है. हेड कांस्टेबल की नौकरी मिलने के बाद भी न तो उन्होंने सपने छोड़े, न ही खुद का हौसला कमजोर होने दिया. पुलिस की नौकरी के साथ पढ़ाई करते रहे. सेल्फ स्टडी के साथ पढ़ाई करते रहे. इतना ही नहीं, सेल्फ स्टडी से सफलता हासिल की. उनके पिता मजदूर थे. घर में खाने की कमी के बीच उनका बचपन बीता. इसके बावजूद उन्होंने यूपीएसी की तैयारी की अपने प्रयास में सफल भी हुए. 


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