Delhi News: राजधानी दिल्ली में अगले साल सितंबर में होने जा रहे G-20 शिखर सम्मेलनलन में भारी संख्या में विदेशी पर्यटक और अन्य मेहमानों के आने की उम्मीद है. इस बार भारत G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और आयोजन को लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई है. 2023 में 18वें G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में किया जाएगा. विदेशी मेहमानों के आवागमन समेत दिल्ली पुलिस की ओर से व्यवस्थित और भव्य रूप में शिखर सम्मेलन आयोजित कराने की तैयारी की जा रही है.
"टूरिस्ट पुलिस का दोबारा होगा गठन ,बिचौलियों पर रखी जाएगी नजर"
G 20 शिखर सम्मेलन आयोजन को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने पुलिस अधिकारियों को दिल्ली में टूरिस्ट पुलिस के दोबारा गठन के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा सूत्रों के हवाले से यह भी सूचना है कि पुलिस अधिकारियों की बैठक में इस आयोजन को लेकर कई मुद्दों पर विधिवत चर्चा हुई है. पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने विदेशी मेहमानों के सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को देखते हुए टूरिस्ट पुलिस के सशक्तिकरण को लेकर प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है.
वैसे अभी तक शहर में टूरिस्ट पुलिस व्यवस्थित प्रारूप में संगठित नहीं है. टूरिस्ट पुलिस की मुख्य भूमिका होती है कि विदेशी मेहमानों को किसी भी तरह की असुविधा से बचाना , टूरिस्ट पुलिस पर पर्यटकों को निर्धारित स्थानों तक उन्हें सकुशल पहुंचाने का दायित्व होता है इसके अलावा दलालों और बिचौलियों के उत्पीड़न से भी पर्यटकों व विदेशी मेहमानों को बचाने की जिम्मेदारी टूरिस्ट पुलिस की होती है .
"G20 शिखर सम्मेलन :- दुनिया की उम्मीदे भारत से"
यूरोपीय संघ सहित 19 देशों के समूह वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस बार भारत कर रहा है. साल 2008 में आई आर्थिक मंदी को देखते हुए जी-20 का गठन किया गया था. इसमें भारत के अलावा अमेरिका ब्राज़ील अर्जेंटीना ब्रिटेन दक्षिण अमेरिका इटली फ्रांस जर्मनी इंडोनेशिया जापान चीन मेक्सिको सऊदी अरब रूस तुर्की और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं. इंडोनेशिया की ओर से इस वर्ष G 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए भारत को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
यह समूह विशेष तौर पर दुनिया में आई आर्थिक अस्थिरता में सुधार के लिए जाना जाता है. वैसे दुनिया हिंदुस्तान की तरफ कई मुद्दों को लेकर एक उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है. जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद सहित विश्व पर मंडराता युद्ध का खतरा के समाधान के लिए विश्व के बड़े से बड़े देश भारत से उम्मीद लगाए हुए हैं.