Delhi News: राजधानी दिल्ली में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान करने की कवायद शुरू हो गई है. दिल्ली फायर सर्विस (Delhi Fire Service) ने चीफ फायर अधिकारी की अगुवाई में आंतरिक कमेटी का गठन किया है. कमेटी मोबाइल फायर टेंडर लगाने की सिफारिश करेगी. कमेटी के जिम्मे नए दमकल केंद्रों को स्थापित करनेवाली जगहों का सुझाव देना भी होगा. दिल्ली फायर सर्विस ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) से मिले सुझावों के बाद कदम उठाया है. दिवाली से पहले आग बुझाने की क्षमता की तैयारियों की दिल्ली फायर सर्विस के साथ आयोजित बैठक में उपराज्यपाल वीके सक्सेना समीक्षा की थी.


आग बुझाने में राजधानी कितनी है सक्षम?


उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सुधार के लिए कई उपाय सुझाए थे. दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा, "उपराज्यपाल ने दमकलों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है. वर्तमान में दमकलों की संख्या 220 है. राजधानी में कम से कम 350 दमकल को रखने का लक्ष्य रखा गया है." उपराज्यपाल ने और दमकल केंद्रों को भी खोले जाने का निर्देश दिया है. अभी तक अग्निशमन विभाग के पास 64 दमकल केंद्र हैं और लक्ष्य 80 तक ले जाने का है.


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उपराज्यपाल का समीक्षा के दौरान निर्देश


अतुल गर्ग ने कहा, "उपराज्यपाल की हिदायतों के आधार पर हमने पहले ही काम शुरू कर दिया है. चीफ फायर अधिकारियों ने एक आंतरिक कमेटी का गठन कर दिया है. दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी कमेटी का हिस्सा हैं." कमेटी का उद्देश्य उन 50 दुर्घटना संभावित जगहों की पहचान करना होगा जहां शहर में मोबाइल टेंडरों को स्थापित करने की जरूरत है. कमेटी के जिम्मे ये सुनिश्चित और विश्लेषण करना होगा जहां नए दमकल केंद्रों को खोले जाने की आवश्यकता है. आपको बता दें कि आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली फायर सर्विस सदा तत्पर रहता है. 


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