Electricity Consumption in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में एक ओर जहां लगातार तापमान बढ़ता जा रहा है. वहीं बढ़ते तापमान ने अब बिजली की मांग के भी सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. आलम यह है कि अप्रैल में पहली बार, दिल्ली की सबसे ज्यादा बिजली की मांग 6000 मेगावाट रही. राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बढ़ती गर्मी अब बिजली की मांग को भी नई ऊंचाई पर ले जा रही है. बीएसईएस (BSES) ने इससे पहले भी अनुमान लगाया था कि इस बार बिजली की मांग ज्यादा होगी और 28 अप्रैल को इसने 5,786 मेगावाट का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया और यह बढ़ कर 6000 मेगावाट हो गई है.

 

बीएसईएस के वाइस प्रेसिडेंट चंद्रा कामत ने बताया कि सिर्फ 24 घंटे यानी 27 अप्रैल से 28 अप्रैल में बिजली की मांग लगभग 3.7% बढ़ गई. इसके अलावा दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली के बीआरपीएल इलाके में बिजली की मांग 28 अप्रैल को 2549 मेगावाट और पूर्वी और मध्य दिल्ली के बीवाईपीएल इलाके में 1375 मेगावाट रही. इससे पहले दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली के बीआरपीएल क्षेत्र में 2021 और 2020 की गर्मियों के दौरान बिजली को मांग 3118 मेगावाट और 2815 मेगावाट थी, जिसे देखते हुए 2022 की गर्मियों में बिजली की मांग लगभग 3500 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है.

 

2021 में हुई थी 1656 मेगावाट बिजली की मांग 

 

दूसरी ओर पूर्वी और मध्य दिल्ली के बीवाईपीएल क्षेत्र में 2021 और 2020 की गर्मियों के दौरान बिजली की मांग 1656 मेगावाट और 1439 मेगावाट तक पहुंच गई थी. इस साल यह लगभग 1800 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है. बीएसईएस के मुताबिक इस साल यानी 2022 की गर्मियों के दौरान दिल्ली की लगातार बढ़ती बिजली की मांग 8200 मेगावाट को पार करने की उम्मीद है, इसीलिए बीएसईएस ने अपनी बिजली की व्यवस्था के अलावा, बीएसईएस डिस्कॉम ने पारंपरिक और अभिनव दोनों समाधानों को तैनात करके नेटवर्क क्षमता को बढ़ाया है. बीएसईएस डिस्कॉम ने नेटवर्क को मजबूत किया है और गर्मी के महीनों के दौरान  बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए कई उपाय कर रही है.

 

बीएसईएस डिस्कॉम ने उठाए कई कदम

 

बीएसईएस डिस्कॉम ने बिजली की कमी को पूरा करने के लिए नेटवर्क क्षमता को लगभग 450 एमवीए बढ़ा दिया है. बीएसईएस डिस्कॉम ने 700 से ज्यादा वितरण ट्रांसफार्मर भी लगाए हैं, जिनमें लगभग 160 नए सबस्टेशन और 4 स्पेस सेविंग एलिवेटेड सबस्टेशन शामिल हैं. साल 2021-22 के दौरान बीएसईएस डिस्कॉम ने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगभग 825 किलोमीटर केबल बिछाई थी और शिकायतों की निगरानी के लिए एक टीम भी बनाई थी.

 

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