Delhi News: दिल्ली में इस बार डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा लगातार मंडरा रहा है और एमसीडी इसको लेकर पूरी तरह एक्शन मोड में है. जहां एक तरफ दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से अस्पतालों में बेड रिजर्व से लेकर मौसमी बीमारियों की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. वहीं दिल्ली एमसीडी की तरफ से अब राजधानी के वार्ड अनुसार डेंगू, मलेरिया की रोकथाम के लिए आशा वर्कर्स और सफाईकर्मियों की तैनाती की जा रही है. जिसकी मदद से दिल्ली के अधिक से अधिक क्षेत्रों में जलजमाव को रोकने के साथ-साथ एंटी लार्वा का छिड़काव, मच्छर प्रजनन की जांच और अन्य रोकथाम किया जा सकेगा.


राजधानी में बढ़ते डेंगू, मलेरिया को देखते हुए अब एमसीडी की तरफ से भी अपने बचाव संबंधित अभियान को तेज कर दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में वार्ड अनुसार आशा वर्कर्स और सफाईकर्मियों की तैनाती की जाएगी, जो डेंगू मलेरिया नियंत्रण की रोकथाम में तत्पर रहेंगे. इसके अलावा उनके हर काम की निगरानी भी की जाएगी, जिसकी रिपोर्ट एडिशनल कमिश्नर को सौंपी जाएगी. दिल्ली के अलग-अलग जोन के अनुसार 700 से अधिक आशा वर्कर और लगभग 200 से अधिक सफाई कर्मचारी व अन्य फील्ड वर्करों की तैनाती की गई है, जो मलेरिया, डेंगू रोकथाम नियंत्रण का कार्य करेंगे. लगभग दर्जनभर नोडल अधिकारी इन सभी कर्मचारियों के काम की निगरानी भी करेंगे.


पांच फीसदी बेड रिजर्व रखने का निर्देश  


इस बार दिल्ली में आई बाढ़ के बाद डेंगू, मलेरिया के मरीजों की संख्या जुलाई महीने में रिकॉर्ड स्तर पर रही है. इसको देखते हुए दिल्ली स्वास्थ्य विभाग और मंत्रालय की तरफ से दिल्ली अस्पतालों के 5% बेड को रिजर्व रखने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा डॉक्टरों को बीमारियों की जांच प्रक्रिया में तेजी और मूलभूत स्वास्थ सुविधाओं को दुरुस्त रखने के लिए भी निर्देश दिया गया है. ऐसे में प्रदेश स्तर से लेकर दिल्ली नगर निगम तक डेंगू, मलेरिया से रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. अब देखना होगा कि आने वाले समय में इस पर नियंत्रण पाने में स्वास्थ्य विभाग कितना कामयाब होता है.


यह भी पढ़ें:  Modi Surname Case: 'जज साहब को मालूम है...' राहुल गांधी की सजा पर 'सुप्रीम' रोक के बाद सामने आया कपिल सिब्बल का पहला बयान