दिल्ली क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने उस गैंग को पकड़ लिया है जो फोन पर लोगों को मानसिक रूप से कैद कर के डिजिटल अरेस्ट करता था. यह गिरोह 71 साल की महिला को पूरे 24 घंटे फोन पर बंधक बनाए रखकर उनसे 49 लाख रुपये ठग ले गया था. मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच में जुट गई. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे रैकेट के चौंकाने वाले लिंक सामने आते गए.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल टीम ने लखनऊ के अमीनाबाद, हसनगंज, मड़ेगंज और सदर कैंट में रेड की. इन छापों में इस मॉड्यूल के 6 अहम सदस्य मोहम्मद ओवैस विशाल तिवारी,शकील अहमद,मोहम्मद अहद, मोहम्मद आतिफ और मोहम्मद उज्जैब को गिरफ्तार कर लिया गया. इनमें से ज्यादातर या तो बेरोजगार थे या मामूली काम करते थे. गिरोह के मास्टरमाइंड उन गरीब और कम पढ़े-लिखे युवकों को अपनी चाल में फंसा कर म्यूल अकाउंट बनवाते थे और उन्हीं खातों के जरिए करोड़ों रुपये घुमाए जाते थे.
कैसे करता था यह गैंग काम
दिल्ली पुलिस के मुताबिक यह गैंग का खुद को पुलिस अधिकारी, कस्टम अधिकारी या सरकारी जांच एजेंसी का सदस्य बताकर पहले डर पैदा करते थे. पीड़ित को कहा जाता कि उनका नाम किसी अपराध में आ गया है और अगर उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया तो उन पर केस हो जाएगा.फिर उन्हें घंटों तक फोन पर रोके रखा जाता यहां तक कि फोन बंद करने पर जेल भेजने की धमकी तक दे देते थे. एक-एक करके पीड़ित से लाखों रुपये अलग-अलग खातों में जमा करवाए जाते थे. पैसे कई बैंक खातों से घुमा-फिराकर एटीएम से निकाल लिए जाते ताकि पुलिस तक कोई सुराग न पहुंचे.
दिल्ली पुलिस की जांच जारी
दिल्ली पुलिस अब गिरोह के पकड़े गए सदस्यों से पूछताछ में जुटी हुई है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक कि यह केवल शुरुआत है. अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों और पैसों की पूरी चैन को ट्रेस किया जा रहा है.