Delhi Crime News: राजधानी में एक पत्नी की आबरू और जीवन उस वक्त खत्म कर दिया गया जब उसने अपने पति के अवैध संबंधों का विरोध किया. बवाना की स्कूल टीचर सुनीता की निर्मम हत्या के मामले में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने छह लोगों को दोषी करार दिया है. इनमें उसका पति मंजीत सहरावत, उसकी प्रेमिका एंजल गुप्ता, एंजल का सौतेला पिता और पेशेवर शूटर शामिल हैं.

दरअसल, सुनीता हर रोज की तरह 29 अक्टूबर 2018 की सुबह 8 बजे अपने घर से निकली थीं. कुछ ही दूरी पर बाइक सवार दो शूटरों ने उसे तीन गोलियां मार दीं. खून से लथपथ सुनीता वहीं गिर पड़ीं. जांच में जो खुलासा हुआ, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला था. मंजीत सहरावत अपनी पत्नी से छुटकारा पाना चाहता था क्योंकि वह एंजल गुप्ता के साथ रिश्ते में था. 

करवा चौथ पर पत्नी का दर्जा देने की मांगसुनीता इस रिश्ते का कड़ा विरोध कर रही थी और तलाक के लिए तैयार नहीं थी. करवा चौथ से दो दिन पहले एंजल ने मंजीत से यह मांग की थी कि वह उसे पत्नी का दर्जा दे ताकि वह त्योहार साथ मना सके. इसी ख्वाहिश ने एक जघन्य अपराध को जन्म दिया.

पैसे, प्‍यार और प्‍लानिंग का खूनी गठजोड़रोहिणी कोर्ट के मुतबिक मंजीत ने एंजल के सौतेले पिता राजीव गुप्ता के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. राजीव के ड्राइवर दीपक ने अपने मामा धर्मेंद्र की मदद से दो पेशेवर शूटर विशाल उर्फ जॉनी और शहजाद सैफी को सुपारी दी. शूटरों ने पहले रेकी की और फिर उस सुबह सुनीता को गोली मार दी.

डायरी ने खोले राजसुनीता की डायरी ने कोर्ट को चौंकाया. उसमें उसने पति और एंजल के रिश्तों और अपने संघर्षों का उल्लेख किया था. कोर्ट ने कहा कि सबूतों की चेन मोबाइल लोकेशन, बैंक ट्रांजैक्शन, सीसीटीवी फुटेज, एफएसएल रिपोर्ट, हथियारों और वाहनों की बरामदगी ने साजिश को पूरी तरह साबित कर दिया.

यह खौफनाक मामला- कोर्टजज धीरेंद्र राणा ने अपने फैसले में लिखा यह कोई क्षणिक गुस्से में किया गया अपराध नहीं था, बल्कि एक योजनाबद्ध, निर्मम और खौफनाक हत्या थी, जिसे प्रेम के नाम पर अंजाम दिया गया. सभी आरोपियों को धारा 302 और 120बी के तहत दोषी ठहराया गया है. तीन को आर्म्स एक्ट में भी दोषी माना गया है.