Delhi Rape Case News: दिल्ली की एक अदालत ने अपनी नाबालिग बेटी से बार-बार रेप करने के दोषी के पिता को आजीवन और कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि रेप के इस मामले को क्रूरतम श्रेणी का माना है. अदालत ने फैसले में ये भी कहा है कि दोषी के लिए आजीवन और कठोर कारावास की सजा एक सामान्य प्रतिरोधक के रूप में काम करेगी. दोषी पिता के लिए यह सजा न्याय के मानकों और समाज के हित के लिहाज से भी सही है. 


अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबीता पुनिया उस व्यक्ति के खिलाफ रेप के मामले की सुनवाई कर रही थीं, जिसे पहले अदालत ने बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दोषी ठहराया गया था। दोषी का यह अपराध गंभीर यौन यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आता है. 


पीड़िता एक बच्चे को जन्म देने के लिए हुई विवश 
 
अदालत ने कहा कि एक पिता की जिम्मेदारी अपने बच्चे के देखभाल और बेहतर परवरिश की होती है, लेकिन दोषी शख्स ने इस बात को भुलाकर जघन्यतम कृत्य को अंजाम दिया. दोषी ने अपनी बेटी के साथ बार-बार रेप किया,जिसकी वजह से वो गर्भवती हो गई. इतना नहीं नहीं, 17 साल की उम्र में एक बच्चे को जन्म देने के लिए विवश हुई. 


पीड़िता को 13 लाख रुपये देने का आदेश


इस बात को ध्यान में रखते हुए अदालत ने कहा रेप के आरोपी पिता को दोषी माना है. साथ ही कठोर उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी पिता को आजीवन कारावास के अलावा पीड़िता बेटी 13 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. अदालत ने ये भी कहा कि पीड़िता को इस घटना के बाद हुए मानसिक और शारीरिक आघात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने साल 2022 में दिए गए अंतरिम मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था. 


अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने इस नेता को बनाया दिल्ली कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष