देवेंद्र यादव ने कहा, “जय किशन के जाने से कांग्रेस परिवार ने एक सच्चे जनसेवक और समाज के लिए समर्पित नेता को खो दिया है. उनका जाना अपूरणीय क्षति है. वे न सिर्फ सुल्तानपुरी के लोगों की आवाज थे, बल्कि दलित और वंचित समाज के लिए उम्मीद की किरण भी थे."
उन्होंने कहा कि जय किशन ने दिल्ली की सुल्तानपुरी विधानसभा सीट से चार बार विधायक के रूप में जनता की सेवा की और लंबे समय तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जैसे जिम्मेदार पदों पर कार्य किया. उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के लिए लगातार संघर्ष किया और सामाजिक न्याय की आवाज़ बुलंद की.
जय किशन के पार्थिव शरीर को वाई ब्लॉक, सुल्तानपुरी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, जहां उनके बड़े बेटे राहुल ढाका ने मुखाग्नि दी. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं, पूर्व विधायकों, पदाधिकारियों और आम जनता का भारी हुजूम मौजूद रहा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी जय किशन को श्रद्धासुमन अर्पित किए. खरगे ने शोक संतप्त परिवार से फोन पर बात कर उन्हें ढांढस बंधाया और हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया.
कांग्रेस नेता ने जताया शोक
देवेंद्र यादव ने कहा, “जय किशन जी पार्टी के प्रति पूरी तरह समर्पित थे. उन्होंने दलित समाज के उत्थान के लिए जीवन भर काम किया. कांग्रेस परिवार की ओर से मैं दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं. कांग्रेस के लिए उनका योगदान सदा याद रखा जाएगा."