दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' नियम से लोगों को असुविधा हो सकती है लेकिन सभी गाड़ियों का प्रदूषण जांच कराना और उनका प्रमाणन सुनिश्चित करना हम सबकी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है. ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम के तहत जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं है, उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा.

Continues below advertisement

हवा को सुधारने के लिए नियमों का सख्ती से पालना करना जरूरी- सीएम

एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के बिना दिल्ली में किसी भी वाहन को ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहर की बिगड़ती हवा को सुधारने के लिए नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है.

सीएम ने कहा, 'लोगों को असुविधा हो रही है लेकिन दिल्ली में चलने वाले हर वाहन को प्रदूषण फैलाए बिना चलना चाहिए. यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने वाहनों को पीयूसी प्रमाणित कराएं.'

Continues below advertisement

सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए- सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा, 'कार-पूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. परिवहन व्यवस्था में सुधार वायु गुणवत्ता में सुधार की कुंजी है.' कार-पूलिंग एक ही स्थान पर जाने वाले दो या दो से अधिक व्यक्तियों का एक ही वाहन में साथ यात्रा करना है.

उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण परीक्षण के बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रही है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में पीयूसी प्रमाणपत्र जारी करने वाले केंद्रों की संख्या बहुत कम थी लेकिन अब नंद नगरी, बुराड़ी और तेहखंड में स्वचालित परीक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं.

इस अवसर पर गुप्ता ने 100 इलेक्ट्रिक बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया और धौला कुआं से हरियाणा के धारूहेड़ा के बीच अंतरराज्यीय बस सेवा की शुरुआत की. नई बसों के जुड़ने से इलेक्ट्रिक बसों की कुल संख्या बढ़कर 3,400 हो गई है.