पुरानी दिल्ली में हालिया आतंकी हमले के बाद सरकार ने चांदनी चौक और आसपास के इलाकों की उपेक्षित व्यवस्थाओं पर गंभीरता से ध्यान देना शुरू कर दिया है. वर्षों से फाइलों में दबे पुनर्विकास के प्रस्ताव अब फिर से गति पकड़ते दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की उच्चस्तरीय बैठक में मौजूदा अव्यवस्थाओं से लेकर भविष्य की रूपरेखा तक, हर बिंदु पर गहन चर्चा हुई.

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शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी), जिसे पुरानी दिल्ली के कायाकल्प के लिए करीब 17 साल पहले बनाया गया था, फिलहाल परामर्शदाता भर की भूमिका में सीमित है. विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकारों की कमी इसे निष्प्रभावी बना रही है और कई सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारियों के टकराव ने हालात और उलझा दिए हैं.

'तीन एजेंसियों के बंटे दायित्व बने बाधा'

बैठक में मुख्यमंत्री ने माना कि चांदनी चौक का विकास इसलिए ठप रहा है क्योंकि यहां एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और दिल्ली पुलिस — तीनों का अलग-अलग नियंत्रण है. जल्द ही एसआरडीसी का पुनर्गठन कर इसे अधिक अधिकार देने और विरासत संरक्षण विशेषज्ञों को शामिल करने की तैयारी है.

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'पुरानी दिल्ली के सुनियोजित विकास को गति'

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चांदनी चौक बाजार को व्यवस्थित और आकर्षक बनाने के लिए तेजी से काम हो. महिलाओं के लिए 'पिंक टॉयलेट' जैसे सुविधाजनक ढांचे विकसित करने पर भी जोर दिया गया. शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने सुझाव दिया कि पुनर्विकास में हेरिटेज संरक्षण में माहिर संस्थाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए.

सांसद, मंत्री और सभी विभाग साथ बैठे

दिल्ली सचिवालय में हुई इस समीक्षा बैठक में सांसद प्रवीन खंडेलवाल, शहरी विकास मंत्री और एसआरडीसी, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली पुलिस सहित सभी प्रमुख विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे  बताया गया कि 2017 में भी पुरानी दिल्ली को 'हृदय योजना' में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था, जिस पर अब फिर से नई उम्मीदें जताई जा रही हैं.

प्रदूषण पर कड़ा रुख, रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी तेज

बैठक में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने की रूपरेखा पर भी चर्चा की गई. सरकार 40–60 फुट चौड़ी सड़कों पर धूल नियंत्रण बढ़ाने, मैकेनिकल रोड स्वीपर्स और एंटी-स्मॉग गन की तैनाती, बड़े निर्माण स्थलों पर सख्त सी एंड डी नियम लागू करने तथा खुले में बायोमास जलाने पर कड़ी कार्यवाही जैसे कदमों को तेज करेगी. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह सिर्फ तात्कालिक कदम नहीं बल्कि दीर्घकालीन रणनीति है.

बैठक में आए अहम सुझाव

सांसद खंडेलवाल ने एसआरडीसी का नाम बदलकर 'इंद्रप्रस्थ पुनर्विकास निगम' करने और उसकी कमान मुख्यमंत्री को सौंपने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए अंतर-विभागीय सेल बनाने, बहुमंजिला पार्किंग, ई-रिक्शा प्रबंधन और नो-वेंडिंग जोन तय करने जैसे उपाय सुझाए. अधिकारियों ने बताया कि तीन घंटे चली बैठक में अवैध निर्माण, सीवर की समस्या, अतिक्रमण, अवैध पार्किंग और चांदनी चौक पर रिक्शों की भीड़ जैसी लंबे समय से लंबित समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई.