Delhi News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को गाजीपुर लैंडफिल साइट (Ghazipur Landfill Site) का भी दौरा किया. इससे पहले उन्होंने भलस्वा और ओखला लैंडफिल साइट का दौरा किया था. उन्होंने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि कूड़े के पहाड़ को जल्द से जल्द साफ करने के लिए दो नए एजेंसी को हायर करने की योजना है, लेकिन बजट के लिए एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी (MCD standing Committee) के एप्रूवल लेना जरूरी होता है. 


स्टैंडिंग कमेटी का मसला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लंबित है. स्टैंडिंग कमेटी का गठन होते ही एक सप्ताह के अंदर एजेंसी हायर कर कूड़े को उठाने के काम में तेजी लाने का काम किया जाएगा. सीएम अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर लैंडफिल साइट का दौरा करने के बाद कहा कि यहां पर 90 लाख टन कूड़े का ढेर है. यहां से कूड़ा हटाने का काम संतोषजनक नहीं है. लक्ष्य के हिसाब से अभी तक यहां से 15 लाख टन कूड़ा उठ जाना चाहिए, लेकिन सवा पांच लाख टन कूड़ा ही अभी तक उठ पाया है. इसकी वजह यह है कि गाजीपुर में जिस कंपनी के पास कूड़ा निस्तारण का जिम्मा है, वो तीन कंपनियों की ज्वाइंट वेंचर है. जीनों के बीच आपस में झगड़े चल रहे हैं. 



सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार


दिल्ली सरकार और एमसीडी की योजना एक और एजेंसी हायर करने की है. ताकि गाजीपुर में कूड़ा निस्तारण काम में तेजी आ सके. अब मैंने कहा है कि एक नहीं दो एजेंसी हायर किया जाएगा. ताकि काम स्पीड पकड़ सके. उन्होंने कहा कि कूड़ा निस्तारण में गति न आने की वजह सुप्रीम कोर्ट में स्टैंडिंग कमेटी के गठन को लेकर मसला पेंडिंग है. शीर्ष अदालत का आदेश आना बाकी है. अदालत का फैसला आते ही हम एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का गठन कर लेंगे. 


कूड़ा निस्तारण का काम लक्ष्य से कम


सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कूड़ा हटाने का काम लक्ष्य के अनुरूप नहीं है. भलस्वा से कूड़ा उठाने का काम टारगेट से ज्यादा चल रहा है, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट केवल 30 लाख का है, जिसे 45 लाख टन तक बढ़ाया जा सकता है. यहां पर 65 लाख टन कूडा है. ओखला लैंडफिल साइट में काम की गति को बढ़ाना होगा.


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