Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार (Central government) के बवाना स्टेडियम (Bawana Stadiun) को अस्थायी जेल बनाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है. दिल्ली सरकार ने कहा, किसानों की मांग जायज है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन (Farmer's Protest) संविधान में हर नागरिक को हक है. किसान इस देश के अन्नदाता हैं. अन्नदाता को जेल में डालना गलत है. हम बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने की परमिशन नहीं दे सकते. 


वहीं,आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को पोस्ट एक्स लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के अन्नदाताओं से नफरत का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि दिल्ली की हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती बॉर्डरों पर लोगों को राजधानी में एंट्री करने से रोकने के लिए कीलों वाली रिकेडिंग हाईवे पर कर दी है. जो अन्नदाता किसान देश का पेट भरने के लिए जमीन पर फसल उगाते हैं, पीएम Modi ने उन्हीं किसानों को रोकने के लिए रास्ते में कीलों का जाल बिछाया है.


 






बॉर्डर की किलेबदी, सुरक्षा का सख्त पहरा


बता दें कि यूपी, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों के दिल्ली मार्च के आह्वान को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों मार्गों पर सुरक्षा पहरा बढ़ा दी गई हैं. सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, झड़ोदा बॉर्डर, गुरुग्राम 'दिल्ली जयपुर हाईवे' पर मल्टी लेयर सुरक्षा की व्यवस्था है. इन बॉर्डरों पर कीलों वाली बैरिकेडिंग के अलावा सीमेंट से बने बैरिकेड भी लगाए गए हैं. दिल्ली पुलिस के साथ भारी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी पर तैनात हैं. इतना ही नहीं, दिल्ली में 11 फरवरी से ही धारा 144 लागू है. साथ ही पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों को साफ आदेश है कि किसी को भी दिल्ली की सीमा में प्रवेश की इजाजत न दें.


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