Delhi News: दिल्ली सरकार के विधि विभाग ने सभी शीर्ष अधिकारियों को इस महीने की शुरुआत में जारी सेवाओं से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का ‘‘सख्त अनुपालन’’ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने गुरुवार को दी है. विधि विभाग ने 26 मई को सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, सचिवों और विभागों के प्रमुखों को भेजे गए एक पत्र में केंद्र द्वारा सेवाओं से संबंधित जारी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश 2023 का ‘‘सख्त अनुपालन’’ करने के लिए कहा था.


दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के आठ दिन बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर अदालत के फैसले को बदल दिया था. केंद्र सरकार ने ‘दानिक्स’ कैडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से 19 मई को एक अध्यादेश जारी किया था. अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. दिल्ली में आप सरकार ने अध्यादेश को 'असंवैधानिक' करार दिया है और कहा है कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी.


सभी दल करें अध्यादेश का विरोध


बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. अभी तक वो जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तेलंगाना सीएम केसीआर, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन से मुलाकात कर चुके हैं. आज सीएम अरविंद केजरीवाल इसी मसले पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मिलेंगे. दिल्ली के सीएम इस मसले पर चर्चा के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से समय मांगा है, लेकिन उन्हें कांग्रेस पार्टी की ओर से समय नहीं दिया गया है. इस मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सभी विपक्ष दल एक साथ केंद्र के अध्यादेश का विरोध करें, ताकि वो राज्यसभा से पास न हो सके.


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