दिल्ली में शुक्रवार (11 जुलाई) को बस मार्शल उसने अपनी नौकरी बहाली को लेकर प्रदर्शन किया. इसके समर्थन में आम आदमी पार्टी की तरफ से बयान जारी करते हुए दिल्ली में बीजेपी की दिल्ली सरकार को लेकर सवाल खड़े किए. आप ने बीजेपी पर बस मार्शलों के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया. 

दरअसल, शुक्रवार को बड़ी संख्या में बस मार्शलों ने सिविल लाइन में बीजेपी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की और बीजेपी को चुनाव के दौरान किए गए वादे की याद दिलाई. बता दें कि चुनाव के दिनों में बस मार्शल से बीजेपी के कई नेताओं की तरफ से यह वादा किया गया था के दिल्ली में अगर बीजेपी सरकार बनती है तो उनके लिए जल्द कोई समाधान निकाला जाएगा. सरकार बनने के कई महीने भी जाने के बावजूद भी बस मार्शलों को अभी तक कोई समाधान नहीं मिला है. इसी मामले को लेकर एक तरफ बस मार्शल प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से इस मुद्दे पर दिल्ली में बीजेपी सरकार को घेरा जा रहा है . 

आम आदमी पार्टी ने घेराआम आदमी पार्टी का कहना है कि यह बस मार्शल बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगाए गए थे. जिसके बाद से बसों में सफर करने वाली महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर रही थीं, लेकिन महिला विरोधी बीजेपी को यह पसंद नहीं था और उसने अपने एलजी के जरिए हजारों बस मार्शलों को नौकरी से निकवा दिया. 

बीजेपी के वादे का क्या हुआ- AAPआप ने कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेता अन्य नेताओं ने इन बस मार्शलों से वादा किया था कि बीजेपी की सरकार बनने के 60 दिन के अंदर सबकी नौकरी पक्की कर दी जाएगी. बस मार्शल बीजेपी के इस झूठे वादे में गुमराह हो गए और उसकी सरकार बनवा दी, लेकिन सरकार बनते ही बीजेपी अपने वादे को भूल गई और बस मार्शलों की नौकरी पक्की करने को लेकर टाल-मटोल कर रही है. बस मार्शल पूछ रहे हैं कि कहां गया बीजेपी का वादा, 60 दिन से 100 दिन हो गए, क्या है बीजेपी का इरादा.

'अचानक मार्शलों को नौकरी से निकाला था'बस मार्शलों ने प्रदर्शन के दौरान बताया कि सभी बस मार्शलों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया था. जिसका जब कारण पूछा तो नियमों का हवाला दिया गया. अब अपनी नौकरी बहाली को लेकर बस मार्शल धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.