Delhi News: दिल्ली उपराज्यपाल और दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी के बीच छिड़ा सियासी जंग अब राजधानी के आम सुविधाओं पर सीधा असर डालता दिखाई दे रहा है. बीते महीनों से ऐसा कोई दिन नहीं जब दिल्ली एलजी, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप न देखने को मिला हो. बढ़ती गर्मी के बीच दिल्ली में बिजली और पानी संकट बढ़ने के साथ साथ दोनों के बीच जुबानी जंग पहले से भी तेज हो चुके हैं और इसमें कोई दो राय नहीं की इस आरोप-प्रत्यारोप में आम जनता के कई प्रमुख मुद्दे पीछे छूटते जा रहे हैं.


वहीं आज दिल्ली बीजेपी की तरफ से पानी संकट को लेकर आम आदमी पार्टी पर बोर्ड को दिवालिया करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है.


24 घंटे बिजली मामले पर आप ने लगाया आरोप 


अभी हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में बिजली उत्पादन से अधिक बिजली की मांग बढ़ चुकी है. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया कि बिजली सब्सिडी के साथ-साथ 24 घंटे लोगों को बिजली मिलना जारी रहेगा . वहीं बीते दिनों दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी पर 24 घंटे बिजली को रोकने की साजिश बताया. हालांकि दिल्ली के कुछ  इलाकों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर इलाकों में इस समय बिजली समस्या नहीं है, लेकिन दिल्ली में बिजली सप्लाई को लेकर सियासत लगातार जारी है. दूसरी तरफ दक्षिण दिल्ली से लेकर पूर्वी दिल्ली के कई क्षेत्रों में पानी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बेहतर उपयोग के साथ साथ पानी संकट से निजात दिलाने का दावा किया गया था, लेकिन अभी तक कई इलाकों में दूषित पानी सप्लाई और लगभग 10 दिनों से अधिक पानी सप्लाई की आपूर्ति ठप्प होने की शिकायत आ रही है. 


शिक्षक भर्ती को लेकर बीजेपी आप आमने-सामने 


दिल्ली के  सरकारी स्कूल से लेकर अब एमसीडी स्कूल तक  बेहतरीन शिक्षा मॉडल का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी पर दिल्ली बीजेपी ने सरकारी स्कूलों में शिक्षक व कर्मचारियों की भर्ती न करने का आरोप लगाया है जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए इसे बीजेपी की सियासत करार दिया.


कानून व्यवस्था मामले में आप ने पूछे LG के सवाल 


बीते महीने राजधानी में लगभग दर्जनों ऐसे दर्दनाक वारदात को अपराधियों ने अंजाम दिया है. जिसके बाद दिल्ली की प्रदेश सरकार ने  राजधानी में ध्वस्त कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए एलजी को जिम्मेदार ठहराया है. और असल मायने में कानून व्यवस्था को लेकर अभी कोई भी अपनी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय करने आगे नहीं आ रहा है . राजधानी की बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए दिल्ली एलजी और दिल्ली सरकार के बीच आपसी तालमेल होना बहुत आवश्यक है लेकिन यह सियासी संग्राम कम होने की वजह दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसी स्थिति में सियासी वर्चस्व का सीधा असर अब दिल्ली की आम जनता के दैनिक जीवन पड़ता दिखाई दे रहा है.


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