दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के बदरपुर इलाके में शनिवार ( 7 सितंबर) दोपहर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. यहां अचानक एक चार मंजिला इमारत भरभरा कर ढह गई. राहत की बात यह रही कि हादसे के समय इमारत पूरी तरह खाली थी, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई.
जानकारी के मुताबिक यह इमारत व्यावसायिक उपयोग के लिए बनी थी, लेकिन लंबे समय से जर्जर हालत में खड़ी थी और बंद पड़ी थी. लगातार हो रही बारिश और दीवारों में पानी के रिसाव से इसका ढांचा कमजोर हो चुका था, जिसके चलते यह घटना हुई.
फायर कंट्रोल रूम को दोपहर करीब 1:31 बजे घटना की सूचना मिली. तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए तीन फायर टेंडर घटनास्थल के लिए रवाना किए गए. दमकलकर्मियों ने इलाके को घेराबंदी कर सुरक्षित किया और आसपास के लोगों को दूर रखा. इमारत के गिरने से मलबा बिजली के खंभों पर भी गिरा, जिसके चलते आसपास की कॉलोनियों की बिजली आपूर्ति घंटों बाधित रही. हालांकि, बीएसईएस की टीमें मौके पर पहुंचकर बिजली बहाल करने का काम कर रही हैं.
प्रशासन ने हालात बताए नियंत्रण
स्थानीय प्रशासन ने पुष्टि की है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग, बीएसईएस, सिविल डिफेंस और एमसीडी की संयुक्त टीमें राहत और मलबा हटाने के काम में लगी हुई हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक जांच में इमारत की बेहद पुरानी और कमजोर हालत जिम्मेदार पाई गई है.
वरिष्ठ अधिकारियों ने लिया जायजा
साउथ-ईस्ट दिल्ली के तहसीलदार धीरज कुमार मलिक समेत कई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. तहसीलदार ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और सभी विभाग आपात स्थिति से निपटने के लिए समन्वय में काम कर रहे हैं. दमकल विभाग के अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलते ही टीम सक्रिय हो गई थी और क्षेत्र को तुरंत सुरक्षित कर लिया गया.
बड़ा हादसा टला
स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली कि हादसा उस समय हुआ जब सड़क अपेक्षाकृत कम व्यस्त थी. मथुरा रोड और सर्विस लेन इमारत के नजदीक ही स्थित हैं, जहां रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं. व्यस्त समय पर इमारत गिरती तो यह हादसा एक बड़ी त्रासदी का रूप ले सकता था.
फिलहाल इलाके में स्थिति सामान्य हो रही है और प्रशासन मलबा हटाने के काम में जुटा है. अधिकारी इस घटना को चेतावनी मानते हुए जर्जर इमारतों की जांच और आवश्यक कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके.