दिल्ली के झंडेवाला मंदिर में आज (7 सितंबर) रात लगने वाले चंद्रग्रहण को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं. मंदिर के पुजारी अंबिका जी ने बताया कि चंद्रग्रहण का आरंभ रात 9:58 बजे होगा और इसका समापन रात 1:26 बजे तक होगा. उन्होंने कहा कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रग्रहण को चंद्रमा पर संकट माना जाता है. राहु-केतु चंद्रमा को प्रभावित करते हैं, इसी कारण इसे अशुभ समय माना जाता है.
पुजारी अंबिकाजी ने कहा कि इस संकट से बचने के लिए लोग गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं. इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ भी उत्तम माना गया है क्योंकि भगवान हनुमान सभी प्रकार के संकट और रोगों को दूर करने वाले माने जाते हैं. जो भक्त समय निकाल सकते हैं, वे सुंदरकांड का पाठ भी एकांत में बैठकर कर सकते हैं.
सूतक काल और उसके नियमग्रहण से पहले सूतक काल लगता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती महिलाओं को सूतक और ग्रहण की छाया से दूर रहना चाहिए ताकि इसका नकारात्मक प्रभाव बच्चे पर न पड़े. इस दौरान भगवान का नाम लेना और मंत्र जाप करना लाभकारी होता है.
पुजारी ने बताया कि सूतक काल में भोजन नहीं करने की परंपरा है. हालांकि यह नियम गृहस्थ लोगों पर पूरी तरह लागू नहीं होता. बीमार व्यक्ति या जिन्हें दवाई खानी पड़ती है, वे भोजन कर सकते हैं. लेकिन ग्रहण लगने के समय यानी रात 9:58 बजे से 1:26 बजे तक किसी को भी खाना-पीना नहीं करना चाहिए. यह नियम सभी पर लागू होता है.
साथ ही यह भी परंपरा है कि ग्रहण के समय घर की पानी की टंकी या पीने के पानी में तुलसी के पत्ते डाल दिए जाएं. ऐसा करने से पानी शुद्ध माना जाता है और ग्रहण का असर कम हो जाता है.
मंदिर में विशेष व्यवस्थापुजारी ने बताया कि मंदिर में ग्रहण शुरू होने से पहले ही दर्शन का समय समाप्त कर दिया जाएगा. ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है , यानि आज दोपहर 12 :57 पर सूतक काल शुरू हो जाएगा जिसके शुरू होते ही मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं. दोपहर 12 बजे से विशेष आरती की जाएगी, जिसमें केवल पंडित ही मौजूद रहेंगे. भक्तों को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
भक्तों की आस्थामंदिर में दर्शन करने आए कई भक्तों ने अपनी भावनाएं साझा कीं. पीतमपुरा से आए एक परिवार ने कहा कि उन्हें माता रानी से सब कुछ मिला है और वे धन्यवाद देने यहां पहुंचे हैं. वहीं एक बुजुर्ग भक्त ने बताया कि वे पिछले 67 वर्षों से लगातार यहां आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार वे आपदा और बाढ़ जैसी परिस्थितियों से लोगों की शांति और सुरक्षा के लिए पूजा करने आए हैं.
चंद्रग्रहण को लेकर लोगों में उत्सुकता और धार्मिक आस्था साफ झलक रही है. मंदिर प्रशासन ने भी भक्तों से अपील की है कि वे घर पर रहकर पूजा-पाठ करें और सूतक व ग्रहण के नियमों का पालन करें.