Delhi Assembly Winter session: दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने तीन दिनों का शीतकालीन सत्र बुलाया था, जिसे बाद में बढ़ा कर चार दिनों का कर दिया गया, लेकिन विधानसभा के इस सत्र में जन कल्याण से संबंधित किसी भी मुद्दे पर चर्चा या किसी लंबित मुद्दे का निपटारा नहीं हो सका. सत्र का चारों दिन आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे की भेंट चढ़ गया, जिसे लेकर अब कांग्रेस (Congress) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए सदन को चलाने में उन्हें असफल बताया. इसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी (BJP) को भी आड़े-हाथों लिया.


शीतकालीन सत्र की समाप्ति पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय राजीव भवन में, पूर्व विधायक और प्रदेश कांग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज और कम्युनिकेशन विभाग के वाइस चेयरमैन अनुज आत्रेय ने प्रेस वार्ता आयोजित कर केजरीवाल सरकार पर उंगली उठाते हुए सदन चलाने में उन्हें विफल बताया.


अनिल भारद्वाज ने लगाया ये आरोप
एबीपी लाइव से बात करते हुए अनिल भारद्वाज ने कहा कि, दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र एक बार फिर अरविन्द केजरीवाल द्वारा सत्ता के अधिकारों को बढ़ाने, आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति और आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नूरा कुश्ती की भेंट चढ़ गया. जहां सदन का इस्तेमाल चर्चा, प्रदेश के विकास व जनता से जुड़े मुद्दों व समाधान के लिए होना चाहिए था, वहीं अरविन्द केजरीवाल की तानाशाही व्यवस्था के चलते सत्र में जनता से जुड़े मुद्दों के लिए प्रश्न काल ही नहीं रखा गया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल व उनके विधायकों ने उपराज्यपाल के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया को धूमिल कर दिया है जिसके कारण सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है. अरविन्द केजरीवाल सदन और सरकार चलाने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं.


घोटाले की सीबीआई जांच की मांग
इस दौरान उन्होंने कहा कि रिठाला के विधायक मोहिन्दर गोयल द्वारा विधानसभा में अम्बेडकर अस्पताल में हो रही भर्ती घोटाले की 15 लाख रिश्वत की राशि को दिखाने के बाद दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भ्रष्टाचार पूरी तरह उजागर हो चुका है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में अनुबंधित कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में हो रहे घोटाले की सीबीआई जांच की जाए, जिससे  दिल्ली की जनता के सामने सच्चाई आ सके.


विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त-भारद्वाज
अनिल भारद्वाज ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी प्रशासन और जनलोकपाल लाने की बात करने वाली आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के अधिकतर विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. दिल्ली की जनता बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक संकट, असमानता, एक तरफा नीतियों और भ्रष्टाचार से त्रस्त है, लेकिन केजरीवाल ने 4 दिन के विधानसभा सत्र में इन विषयों पर कोई चर्चा नहीं की.


दूसरा सबसे प्रदूषित शहर-भारद्वाज
दिल्ली के प्रदूषण के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि, ताजा सर्वे के अनुसार, दिल्ली एक बार फिर विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन चुका है, लेकिन केजरीवाल ने 4 दिन के सत्र में प्रदूषण नियंत्रण संबंधी कोई नीति नहीं बनाई और न ही चर्चा हुई. यह चिंताजनक है कि राजधानी में पूरे वर्ष वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहता है, जिसके लिए केजरीवाल सरकार और बीजेपी दोनों बराबर की जिम्मेदार हैं. खतरनाक प्रदूषण से लोगों का स्वास्थ्य गंभीर रुप से प्रभावित हो रहा है और लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं, बावजूद दिल्ली सरकार इसके प्रति चिंतित नहीं है.


कानून व्यवस्था हुई ध्वस्त-भारद्वाज
वहीं दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था और अन्य अपराधों को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में दिल्ली की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, जिसके कारण राजधानी में महिला सुरक्षा एक संवेदनशील विषय बन गया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल की बेरुखी और लापरवाही के दिल्ली हत्या और रेप की राजधानी बन चुकी है. दिल्ली में औसतन प्रतिदिन 6 रेप हो रहे हैं, जबकि महिला उत्पीड़न, छेड़छाड़ व झपटमारी के मामलों में भारी बढ़ोत्तरी हो रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी की नूरा कुश्ती के कारण आज दिल्ली में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और सत्र में महिला सुरक्षा को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.


12 लाख राशन कार्ड पेंडिग-भारद्वाज
आगे उन्होंने कहा कि, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का संकट झेल रही दिल्ली के 17.84 लाख राशन कार्डधारी परिवारों के 72.78 लाख सदस्यों को नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी महीनों का राशन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या के लिए नए कार्ड बनाने का काम 2013-14 से बंद किया हुआ है, जिसके कारण 12 लाख से अधिक नए राशन कार्ड के आवेदन पेंडिग पड़े हैं. उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के दौरान लगभग 33 लाख राशन कार्ड धारियों को राशन दिया जाता था, जिनकी संख्या अब आधी रह गई है, जिन्हें समय पर राशन नहीं दिया जाता, जबकि केजरीवाल घर-घर राशन देने की नौटंकी करते हैं.


विधवाओं को नहीं मिल रही पेंशन-भारद्वाज
इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि, यही हाल दिल्ली में वृद्ध, विधवाओं और दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन का है. वर्ष 2018 से वृद्धों की एक भी नई पेंशन नहीं जुड़ी है और जिनको पेंशन मिलती है उन्हें भी कई-कई महीनों तक पेंशन नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अधिकतर पेंशनभोगी पूरी तरह से सरकार से मिलने वाली पेंशन पर निर्भर हैं, जो केजरीवाल सरकार की बिगड़ी प्रशासनिक व्यवस्था की वजह से इनको नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार को नीति व नियम बनाकर दिल्ली के लोगों के कल्याण से जुड़े मुद्दों का समाधान निकालने के लिए विधानसभा सत्र में चर्चा में लाना चाहिए था.


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